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कानपुर, 02 अगस्त (हि.स.)। स्काउटिंग नवयुवकों के लिए एक स्वयंसेवी, गैर सरकारी शैक्षणिक कार्यक्रम है जो सामाजिक भेदभावों से परे प्रत्येक व्यक्ति को समाजसेवा के समान अवसर प्रदान करता है। सन 1907 से लार्ड वेडेन पॉवेल के द्वारा इंग्लैण्ड में संस्थापित यह संगठन निर्दिष्ट लक्ष्यों, सिद्धान्तों व पद्धतियों के अनुरूप निरंतर कार्य कर रहा है। यह बातें शनिवार को सहायक प्रदेशिक आयुक्त-कानपुर मण्डल स्काउट आरसी शर्मा ने कही।
बीएनएसडी शिक्षा निकेतन इण्टर कालेज बेनाझाबर में पंचदिवसीय (29 जुलाई से दो अगस्त तक) स्काउट एवं गाइड के प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। दो अगस्त को शिविर का समापन समारोह आयोजित हुआ। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में सहायक प्रदेशिक आयुक्त-कानपुर मण्डल) आरसी शर्मा ने दीप प्रज्ज्वलन कर समारोह का उद्घाटन किया एवं स्काउटिंग तथा समाज में उसके योगदान के विषय में विस्तृत जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि भारत में स्काउटिंग गाइडिंग का प्रारम्भ सन 1920 में हुआ। स्काउटिंग गाइडिंग के माध्यम से समाजसेवा करके सभी छात्र-छात्राएं सर्वोत्कृष्ट राष्ट्र सेवा कर सकते हैं। आपदाकाल में स्काउट्स गाइड्स के द्वारा बडे़ पैमाने पर राहत व बचाव कार्य किया जाता है जो कि समाजसेवा व राष्ट्र सेवा का सर्वोच्च रूप है।
कार्यक्रम का शुभारंम्भ स्काउट वन्दना दया कर दान भक्ति काणण से हुआ। प्रीति तिवारी (जिला संगठन आयुक्त, स्काउट) के द्वारा शिविर की विस्तृत आख्या प्रस्तुत की गयी। स्काउट मास्टर सभाशंकर द्विवेदी ने अतिथि परिचय कराया व यश त्रिपाठी (सह संयोजक-छात्र परिषद) ने आए हुए अतिथियों का आभार प्रकट किया। इस अवसर पर विद्यालय की छात्राओं द्वारा सामूहिक गीत परोपकारी हमें बनाना, की सुमधुर प्रस्तुति की गई।
इस स्काउट्स एवं गाइड्स प्रशिक्षण शिविर में लगभग 160 स्काउट्स एवं 60 गाइड्स ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य बृजमोहन कुमार सिंह, उपप्रधानाचार्या मंजूबाला श्रीवास्तव, एवं अन्य शिक्षकगण उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / रोहित कश्यप