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राहत शिविरों में गुणवत्तापूर्ण भोजन, पशुओं के लिए चारा और सभी को समय से मुआवजा देने के निर्देश
मीरजापुर, 5 अगस्त (हि.स.)। उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास, निर्यात प्रोत्साहन, एनआरआई एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के कैबिनेट मंत्री एवं मीरजपुर जनपद के प्रभारी मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता ‘नन्दी’ ने मंगलवार को जिला पंचायत सभागार में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की समीक्षा बैठक की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बाढ़ पीड़ितों को हर सम्भव सहायता और राहत तत्काल प्रभाव से उपलब्ध कराई जाए।
प्रभारी मंत्री ने कहा कि राहत शिविरों में रह रहे लोगों को समय से गुणवत्तापूर्ण भोजन, नाश्ता और बच्चों के लिए दूध की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। कोई भी भूखा न रहने पाए, यह हर स्तर पर सुनिश्चित हो। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि जलभराव वाले क्षेत्रों में स्वास्थ्य टीमें सक्रिय रहें और मच्छरों की रोकथाम के लिए फॉगिंग एवं कीटनाशकों का छिड़काव नियमित रूप से हो।
बैठक में नगर विधायक रत्नाकर मिश्र, मड़िहान विधायक रमाशंकर सिंह पटेल, नगर पालिका अध्यक्ष श्यामसुंदर केसरी, जिलाधिकारी पवन कुमार गंगवार, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सोमेन बर्मा सहित सभी संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
पशुओं की देखभाल और टीकाकरण समेत अन्य व्यवस्थाओं के दिए निर्देश
मंत्री नंदी ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पशुओं के लिए पर्याप्त चारा और भूसा की व्यवस्था करें। साथ ही, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देश दिया कि हर पशु का शत प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित किया जाए, ताकि खुरपका-मुंहपका जैसी बीमारियों से बचाव हो सके। उन्हाेंने निर्देशित किया कि प्रत्येक पीएचसी/सीएचसी पर चिकित्सकों और दवाओं की उपलब्धता 24 घंटे सुनिश्चित रहे। साथ ही रात के समय भी इमरजेंसी के लिए मोटरबोट और नावें तैनात रहें।
प्रभारी मंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि फसलों और मकानों के नुकसान का सर्वे कराकर पीड़ितों को शीघ्र मुआवजा और बीमा राशि उपलब्ध कराई जाए। साथ ही कहा कि प्रत्येक प्रभावित परिवार को तीन दिनों के भीतर कोटेदार के माध्यम से राशन का वितरण शत-प्रतिशत कराया जाए। सुरक्षा व्यवस्था के तहत उन्होंने कहा कि डूब क्षेत्रों में पुलिस की नियमित पेट्रोलिंग कराई जाए ताकि कोई चोरी या अन्य अप्रिय घटना न हो। महिला और पुरुष पुलिस बल की पर्याप्त तैनाती सुनिश्चित की जाए। उन्हाेंने कहा कि जो नाविक बचाव कार्यों में लगे हैं, उन्हें अब तक का मानदेय तत्काल भुगतान किया जाए, जिससे उनके आजीविका पर असर न पड़े।
मुख्यमंत्री आवास योजना से घर देने की बात
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि जिनका मकान बाढ़ में पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है, उन्हें मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत प्राथमिकता के आधार पर लाभान्वित किया जाए। साथ ही उनके रहने और खाने की समुचित व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री की मंशा, कोई भी बाढ़ पीड़ित न रहे उपेक्षित
प्रभारी मंत्री ने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का निर्देश है कि बाढ़ पीड़ितों की सहायता में धन की कोई कमी न आने पाए। बस काम पूरी पारदर्शिता और ईमानदारी से होना चाहिए।
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हिन्दुस्थान समाचार / गिरजा शंकर मिश्रा