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- जिलाधिकारी ने अधिकारियों को दिए सतत निगरानी और पारदर्शी राहत वितरण के निर्देश
मीरजापुर, 5 अगस्त (हि.स.)। गंगा नदी में जलस्तर बढ़ने के कारण जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में आई बाढ़ से प्रभावित लोगों की मदद के लिए प्रशासन द्वारा युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्य चलाए जा रहे हैं। जिलाधिकारी पवन कुमार गंगवार के नेतृत्व में प्रभावित गांवों में त्वरित सहायता पहुंचाई जा रही है।
प्रशासन की रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में गंगा का जलस्तर 78.430 मीटर है जो खतरे के निशान 77.724 मीटर से ऊपर है, हालांकि घटोतरी की दर -0.5 सेंटीमीटर प्रति घंटा दर्ज की गई है। स्थिति नियंत्रण में आने की ओर है, लेकिन प्रशासन ने राहत कार्यों में कोई ढिलाई न बरतने का आदेश दिया है।
जिलाधिकारी ने जनता से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और किसी भी आपात स्थिति में स्थानीय प्रशासन अथवा कंट्रोल रूम से संपर्क करें।
राहत एवं बचाव कार्य का संक्षिप्त ब्यौरा:
230 राहत खाद्यान्न किट व डिग्निटी किट तथा 11770 लंच पैकेट का वितरण किया गया।
2044 ओआरएस पैकेट एवं 7170 क्लोरीन टेबलेट बांटे गए हैं।
99 साधारण नाव और 53 मोटरबोट के माध्यम से प्रभावित क्षेत्रों में आवागमन जारी है।
38 मेडिकल टीमों ने अब तक 453 लोगों का उपचार किया है।
43 पशु चिकित्सा शिविरों के अंतर्गत 85 पशुओं का उपचार हुआ।
5 राहत शिविर (सदर-4, चुनार-1) सक्रिय हैं, जबकि 50 अस्थायी राहत शिविर चिह्नित किए जा चुके हैं।
37 बाढ़ चैकियों को सक्रिय रखा गया है, जिनसे प्रतिदिन दर्जनों गांवों को राहत पहुंचाई जा रही है।
जिलाधिकारी के निर्देश:
सभी उप जिलाधिकारी, बीडीओ और विभागीय अधिकारी भ्रमणशील रहें और राहत शिविरों में समय पर भोजन, चाय, नाश्ता, शुद्ध पेयजल, बच्चों के लिए दूध आदि पारदर्शिता से उपलब्ध कराएं।
मेडिकल टीमें और आपातकालीन मेडिकल सहायता हर समय तैयार रखें।
संक्रामक रोगों की रोकथाम हेतु फॉगिंग और कीटनाशक दवाओं का छिड़काव कराया जाए।
विकासखंड और पशु चिकित्सा अधिकारियों को पशुओं के सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरण की जिम्मेदारी सौंपी गई।
फसलों के नुकसान पर बीमा कंपनियों से मुआवजा दिलाने के लिए उप निदेशक कृषि को निर्देशित किया गया।
विशेष रेस्क्यू कार्य:
मंगलवार को ग्राम खानपुर, कठिलवा (चुनार) में बाढ़ के बीच पाकड़ पेड़ पर फंसे तीन किशोरों को जिला प्रशासन, पुलिस और बाढ़ पीएसी की टीम ने सुरक्षित रेस्क्यू किया।
3 अगस्त को धरौरा गांव में गहरे पानी में फंसे दो बुजुर्गों को भी सफलता पूर्वक निकाला गया।
व्यवस्थाएं व तैयारी:
आवागमन प्रभावित 99 गांवों में कुल 152 नावें और मोटरबोटें तैनात।
संभावित आपदा को देखते हुए 50 राहत शिविरों की योजना बनाकर वहां शौचालय, पेयजल, विद्युत और सामुदायिक रसोई की व्यवस्था।
बाढ़ चैकियों पर राजस्व, स्वास्थ्य, पशुपालन, ग्राम विकास और पुलिस विभाग के अधिकारी तैनात हैं।
खोज और बचाव कार्य के लिए एसडीआरएफ और पीएसी की टीमें तैयार हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / गिरजा शंकर मिश्रा