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बरेली, 2 अगस्त (हि.स.) । शहर में इंसानियत को शर्मसार करने वाली एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। नोएडा में काम करने वाली एक नेपाली मूल की युवती को बरेली में चोर समझकर भीड़ ने न सिर्फ बुरी तरह पीटा, बल्कि बाल पकड़कर सड़क पर घसीटा और अपमानित किया। पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो पुलिस हरकत में आई और चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
छत पर मोबाइल पर बात कर रही थी युवती, अफवाह में बना दी गई चोर
यह शर्मनाक वाकया शुक्रवार देर रात किला थाना क्षेत्र के मोहल्ला बारादरी में हुआ। 22 वर्षीय युवती किसी से फोन पर बात करने के लिए छत पर गई थी। इसी बीच मोहल्ले में अफवाह फैली कि कोई चोर छतों से भाग रहा है। छत से नीचे आई युवती को भीड़ ने चोर समझ लिया और घेरकर पीटना शुरू कर दिया।
‘मैं चोर नहीं हूं… पहले पुलिस बुलाओ’—लेकिन किसी ने नहीं सुनी
डरी-सहमी युवती बार-बार हाथ जोड़कर अपनी सफाई देती रही, लेकिन उग्र भीड़ ने एक न सुनी। कुछ लोगों ने उसकी चोटी पकड़कर सड़क पर घसीटा और बेरहमी से पीटा। इस पूरी घटना का वीडियो किसी ने बना लिया, जो थोड़ी ही देर में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो सामने आते ही पुलिस में हड़कंप मच गया।
गौरव, शिवम, अमन और अरुण गिरफ्तार, जेल भेजने की तैयारी
एसपी सिटी मानुष पारीक ने शनिवार काे बताया कि पुलिस ने चार नामजद आरोपियों—गौरव सक्सेना (18), शिवम सक्सेना (22), अमन सक्सेना (24) तीनों पुत्र राजेश सक्सेना और अरुण सैनी (19) पुत्र अनिल सैनी को गिरफ्तार कर लिया है। चारों को जेल भेजने की कार्रवाई की जा रही है। अन्य आरोपियों की पहचान कर उन्हें भी जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
नौकरी के बहाने बुलाया था बरेली
पुलिस की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि पीड़िता नेपाल की रहने वाली है और फिलहाल नोएडा के एक निजी संस्थान में काम करती है। रेशम सिंह और विनय गंगवार नाम के युवकों ने उसे बरेली बुलाया था, यह कहकर कि अच्छी नौकरी दिलाएंगे। उसी सिलसिले में वह बरेली आई थी और हादसे का शिकार हो गई।
अस्पताल में भर्ती, हालत स्थिर
पुलिस ने घायल युवती को जिला अस्पताल में भर्ती कराया है, जहां उसका इलाज चल रहा है। पीड़िता की तहरीर के आधार पर पुलिस ने गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। वीडियो फुटेज और अन्य साक्ष्यों के आधार पर बाकी आरोपियों की तलाश की जा रही है।
एसपी सिटी बोले—कानून हाथ में लेने वालों को बख्शा नहीं जाएगा
एसपी सिटी मानुष पारीक ने कहा कि घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत किसी को नहीं है।
इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि अफवाहों के दौर में भीड़ कैसे इंसाफ करने लगती है। पुलिस ने फिलहाल चार लोगों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है, बाकी की तलाश जारी है।
हिन्दुस्थान समाचार / देश दीपक गंगवार