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हरदोई, 02 अगस्त (हि. स.)। जिला ग्रामोद्योग अधिकारी सुष्मिता सिंह ने बताया कि उप्र सरकार द्वारा माटीकला एवं माटी शिल्पकला को बढ़ावा देने हेतु उ०प्र० माटीकला बोर्ड का गठन किया जा चुका है। पर्यावरण को हो रहे नुकसान के दृष्टिगत प्लास्टिक से निर्मित कप, प्लेट, गिलास, थाली आदि के उपयोग को प्रदेश में प्रतिबन्धित कर दिया गया है। इससे अब माटीकला के परम्परागत-प्रशिक्षित कारीगराें के दिन बहुरेगें।
उप्र सरकार की मंशानुसार मिट्टी के बर्तनों एवं खिलौनों, मूर्तियों आदि को बनाकर जीविकोपार्जन करने वाले ऐसे कुम्हारों एवं परम्परागत करीगरों जिनकी आयु 18 वर्ष से 50 वर्ष के बीच हो, को निःशुल्क विद्युत चालित चाक (इलेक्ट्रिक पाटर व्हील) मशीन उपलब्ध कराया जाना है। अतः उक्त कार्य से जुड़े कारीगर विभागीय वेबसाइड upmatikalaboard.in पर जाकर टूल किट्स आवंटन हेतु ऑनलाइन पंजीकरण कर आवेदन 10 अगस्त तक कर सकते हैं और हार्ड कॉपी कार्यालय जमा करना अनिवार्य है। अधिक जानकारी हेतु जिला ग्रामोद्योग कार्यालय, सिनेमा चौराहा, हरदोई से किसी भी कार्यालय दिवस में प्राप्त की जा सकती है।
आवेदन फार्म के साथ आधार कार्ड, शैक्षिक योग्यता, फोटो, जाति प्रमाण-पत्र, निवास प्रमाण-पत्र एवं राशनकार्ड की प्रति संलग्न करना अनिवार्य है। एक परिवार से एक ही व्यक्ति को फार्म जमा करना है। पूर्व में खादी ग्रामोद्योग बोर्ड/खादी ग्रामोद्योग आयोग एवं जिला उद्योग केन्द्र तथा अन्य शासकीय विभागों के माध्यम से जिस परिवार में यदि कुम्हारी चाक का लाभ मिल चुका है, उस परिवार का कोई भी लाभार्थी योजना के अन्तर्गत पात्र नहीं होगा।
हिन्दुस्थान समाचार / अंबरीश कुमार सक्सेना