जमात-ए-इस्लामी की मालेगांव धमाके के आरोपियों को बरी किए जाने की न्यायिक आयोग से जांच कराए जाने की मांग
जमात-ए-इस्लामी हिंद ने आज दिल्ली के ओखला में जामिया नगर स्थित अपने मुख्यालय में आयोजित मासिक प्रेस कॉन्फ्रेंस


नई दिल्ली, 02 अगस्त (हि.स.)। जमात-ए-इस्लामी हिंद ने आज दिल्ली के ओखला में जामिया नगर स्थित अपने मुख्यालय में आयोजित मासिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मालेगांव ब्लास्ट के आरोपितों को अदालत से बरी किए जाने के मामले की न्यायिक आयोग से जांच कराए जाने की मांग की। जमात के उपाध्यक्ष मलिक मोहतशिम खान और इंजीनियर सलीम अहमद ने संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि अदालत के जरिए आरोपितों को बरी किए जाने के मामले से यह सिद्ध होता है कि इस मामले में जांच एजेंसी ने सही से जांच नहीं की और ना ही सही से सबूत इकट्ठा किए जिसके आधार पर अदालत ने सबूतों के अभाव में आरोपितों को बरी किया है। उन्होंने राज्य सरकार से इस मामले को उच्च न्यायालय में चुनौती दिए जाने की भी मांग की है।

जमात नेताओं ने बिहार में चुनाव आयोग के जरिए चलाए जा रहे गहन मतदाता परीक्षण पर सवाल करते हुए कहा है कि यह पूरी तरह से अनावश्यक है और चुनाव आयोग को इस तरह का कार्य करने का अधिकार नहीं है। उन्होंने चुनाव आयोग से इस प्रक्रिया को फौरन बंद करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि मतदाताओं का वेरिफिकेशन होना चाहिए लेकिन चुनाव आयोग के जरिए जो कागजात मांगे जा रहे हैं, वह नागरिकता की जांच करने जैसा है जिसका अधिकार चुनाव आयोग के पास नहीं है‌। उन्होंने कहा कि खबरें आ रही है कि बड़ी तादाद में लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाए गए हैं लेकिन अभी आधिकारिक रूप से यह नहीं बताया गया है कि कितने नए लोगों के नाम जोड़े गए हैं और कितने पुराने लोगों के नाम मतदाता सूची से हटाए गए हैं‌।

संवाददाता सम्मेलन में बांग्ला भाषी लोगों के साथ देशभर में होने वाले अपमानजनक व्यवहार की भी कड़ी निंदा की गई है। संवाददाता सम्मेलन में कहा गया है कि देशभर में बंगाली बोलने वाले मुसलमानों को बांग्लादेशी समझा जा रहा है जो कि सही नहीं है। उन्होंने कहा कि बंगाल में 27 प्रतिशत मुसलमान रहते हैं जो बांग्ला भाषा बोलते हैं और यह भारतीय हैं, इन्हें बांग्लादेशी बताकर परेशान किया जा रहा है‌। उन्होंने कहा कि दिल्ली एनसीआर विशेष तौर से गुरुग्राम में पुलिस द्वारा अवैध रूप से सर्च ऑपरेशन कराकर हजारों बांग्ला भाषी लोगों को पकड़ा गया और उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया जिसमें महिलाएं बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल थे‌‌‌‌‌‌। रात के अंधेरे में महिलाओं को गिरफ्तार करके डिटेंशन सेंटर ले जाया गया जो अमानवीय घटना है। उन्होंने कहा कि इस तरह से बांग्ला बोलने वाले लोगों को बांग्लादेशी समझ कर अपने ही देश में उन्हें अपमानित किया जाना सही नहीं है‌‌। उन्होंने इस तरह की घटनाओं पर फौरन रोक लगाई जाने की मांग की है‌।

हिन्दुस्थान समाचार/मोहम्मद ओवैस

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हिन्दुस्थान समाचार / मोहम्मद शहजाद