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नैनीताल, 18 अगस्त (हि.स.)। जिला पंचायत अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के चुनाव के दौरान गड़बड़ियों के मामले में सोमवार को उच्च न्यायालय ने पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर सख्त टिप्पणी की। आज ही कोर्ट में लापता बताए जा रहे पांच सदस्य भी प्रस्तुत हुए, लेकिन उनके बयान दर्ज नहीं हाे सके। इस मामले में सुनवाई मंगलवार काे भी हाेगी।
मुख्य न्यायाधीश जी नरेंदर और जस्टिस आलोक मेहरा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। डीएम ने 14 अगस्त की रात में राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश पर वोटों की काउंटिंग कराए जाने के निर्देश पर काउंटिंग की प्रक्रिया की जानकारी देते हुए बताया कि सारी प्रक्रिया की तीन कैमरों में रिकॉर्ड की गई और परिणाम सीलबंद कर सुरक्षित रख दिया गया, जिस पर कोर्ट के निर्देश के अनुसार ही कार्यवाही होगी। कोर्ट ने नैनीताल के डीएम और एसएसपी को निर्देश दिए कि वे अब तक इस मामले में हुई सभी कार्यवाहियों का विस्तृत विवरण एफिडेविट के माध्यम से कोर्ट में प्रस्तुत करें। एसएसपी ने वायरल वीडियो में अपहरण करते देखे गए सभी आरोपिताें को 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार करने का दावा किया।
सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ता कपिल सिब्बल के जूनियर वकील कामत ने पुनर्मतदान की मांग की। हालांकि अभी इस पर सुनवाई नहीं की। कोर्ट ने कहा कि वह अभी केवल चुनाव के दिन हुई घटनाओं से संबंधित प्रकरण पर ही सुनवाई कर रही है। उच्च न्यायालय ने एसएसपी को फटकार लगाते हुए पूछा कि हथियारबंद लोग कैसे काउंटिंग स्थल के निकट पहुंचे, पुलिस क्या कर रही थी। कोर्ट ने कहा कि कि नैनीताल सिर्फ पर्यटक स्थल नहीं है, यहां उच्च न्यायालय भी है। वायरल वीडियो पर टिप्पणी करते कोर्ट ने नाराजगी जताई और कहा कि हम अंधे नहीं हैं, एसएसपी अपराधियों का बचाव करते लग रहे हैं। मुख्य न्यायाधीश ने टिप्पणी की कि क्यों न एसएसपी का ट्रांसफर किया जाए।
................... लता नेगी ---------------
हिन्दुस्थान समाचार / लता