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बरेली, 18 अगस्त (हि.स.)। आला हजरत के उर्स की शुरुआत पर सोमवार को ऑल इंडिया मुस्लिम जमात की ओर से सौदागरान स्थित ग्रांड मुफ्ती हाउस में देश भर से आए उलमा की बैठक हुई। इसमें मुस्लिम समाज में बढ़ती बुराइयों पर चिंता जताते हुए हर जिले में समाज सुधार कमेटी बनाने और देशव्यापी आंदोलन चलाने का निर्णय लिया गया।
संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने पत्रकार वार्ता कर कहा कि शादी-विवाह में दिखावा, दहेज और खड़े होकर खाना जैसी गैर-शरई रस्में गुनाह हैं। आजकल निकाह के नाम पर फिजूलखर्ची का बोलबाला है। दहेज की नुमाइश और मांग इस्लाम में सख्त मना है। उन्होंने कहा कि समाज को इन बुराइयों से बचाना अब ज़रूरी हो गया है।
मौलाना रजवी ने शिक्षा के क्षेत्र में पिछड़ने पर अफसोस जताते हुए कहा कि मुसलमानों की हालत दलितों से भी बदतर है। सरकार पर निर्भर रहने के बजाय मालदार मुस्लिम आगे आकर स्कूल-कॉलेज और तकनीकी शिक्षा संस्थान खोलें। लड़कियों के लिए अलग से कॉलेज खोले जाएं और गरीब छात्रों को मुफ्त कोचिंग उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने कहा कि कुरआन की पहली आयत ही शिक्षा पर आधारित है, मगर आज मुसलमान इस मामले में सबसे पीछे हैं।
राजनीतिक प्रतिनिधित्व की कमी पर भी उलमा ने चिंता जताई। उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है कि बरेलवी भी सियासत के मैदान में उतरें और दमखम के साथ नुमाइंदगी करें। नौजवानों में बढ़ते नशे पर रोक और शादी-ब्याह, उर्स व जलसों में फिजूलखर्ची से परहेज करने का आह्वान किया गया। उलमा ने कहा कि असल इस्लाम नमाज, रोजा, हज और जकात है, न कि पीरी-मुरीदी का दिखावा। बैठक में मौलाना अब्दुल हमीद नूरी, हाफिज नूर अहमद अजहरी, हाजी नाजिम बेग समेत कई उलमा मौजूद रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / देश दीपक गंगवार