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जयपुर, 18 अगस्त (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कहा है कि वह शहर के परकोटे के विकास के लिए अब तक बनाई गई सभी योजनाओं व उन पर की गई कार्रवाई का ब्यौरा क्रमबद्ध तरीके से 17 सितंबर तक अदालत में पेश करें। अदालत ने कहा कि यह मामला केवल हल्दियों के रास्ते सहित अन्य जगहों पर आवासीय इलाके में चल रही व्यावसायिक गतिविधियों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि अदालत अब पूरे परकोटे के विकास व उसमें आने वाली समस्याओं को इस याचिका के तहत सुनेगी। जिससे कि इसी मामले में परकोटे में जलभराव, पार्किंग की समस्या व ट्रैफिक सहित अन्य समस्याओं का निवारण हो सके। जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा व जस्टिस संजीत पुरोहित की खंडपीठ ने यह आदेश परकोटे के हल्दियों के रास्ते सहित अन्य जगह पर आवासीय इलाके में व्यावसायिक गतिविधियों के मामले में लिए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए।
सुनवाई के दौरान न्यायमित्र अधिवक्ता शोभित तिवाडी ने कहा कि यह मामला पूर्व में परकोटे के रिहायशी क्षेत्र में चल रही व्यावसायिक गतिविधियों तक सीमित था, लेकिन बाद में इसमें अवैध निर्माण को भी शामिल किया गया। जिस पर खंडपीठ ने कहा कि इस मामले को परकोटे के विकास व समस्याओं के निवारण तक बढ़ाया जाना उचित होगा।
गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने हल्दियों के रास्ते में व्यावसायिक गतिविधियों के मामले में 25 फरवरी को राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि वह पूरी तरह से अवैध तौर पर चिन्हित 19 भवनों को तत्काल सील करे। इसके साथ ही कहा था कि रिहायशी क्षेत्र में अवैध निर्माण होना व व्यावसायिक गतिविधियों को संचालित करना कानूनी प्रावधानों की अवहेलना है। हाईकोर्ट ने प्रसंज्ञान लेने के बाद नगर निगम ने परकोटे के भवनों की तीन तरह की सूची बनाई थी। पहली सूची में पूरी तरह से अवैध 19 भवनों को शामिल किया था।
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हिन्दुस्थान समाचार / पारीक