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कोलकाता, 18 अगस्त (हि.स.)। दूसरे राज्यों में काम कर रहे पश्चिम बंगाल के प्रवासी मजदूरों के लिए राज्य सरकार ने ‘श्रमश्री’ योजना की शुरुआत की है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को मंत्रिमंडल की बैठक के बाद इस योजना की घोषणा करते हुए कहा कि यह कदम उन श्रमिकों को सम्मान और सहारा देने के लिए है, जो अपने राज्य लौटना चाहते हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि योजना का लाभ लगभग 22 लाख प्रवासी मजदूरों को मिलेगा। जो भी मजदूर वापस लौटना चाहेंगे, उन्हें यात्रा खर्च के रूप में एकमुश्त 5000 रुपये दिए जाएंगे। इसके अलावा, राज्य में रोजगार की व्यवस्था होने तक पहले एक वर्ष तक हर महीने 5000 रुपये पुनर्वास भत्ता प्रदान किया जाएगा।
सरकार की ओर से इन श्रमिकों को स्वास्थ्य साथी कार्ड, खाद्य साथी जैसी सुविधाएं भी मिलेंगी। जिनके पास पक्का घर नहीं है, उन्हें आवास योजना के तहत सहायता दी जाएगी। बच्चों की पढ़ाई के लिए आर्थिक मदद उपलब्ध कराई जाएगी और इन्हें अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में भी जोड़ा जाएगा।
प्रारंभिक चरण में वे 22 लाख 40 हजार मजदूर, जिन्होंने पहले ही राज्य सरकार के पोर्टल पर पंजीकरण कराया है, इस योजना के अंतर्गत लाभान्वित होंगे। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि योजना के क्रियान्वयन की निगरानी सीधे मुख्य सचिव करेंगे।
ममता बनर्जी ने ‘श्रमश्री’ को प्रवासी मजदूरों के लिए घर लौटने का सेतु बताते हुए कहा, ये मजदूर हमारे गर्व हैं। उनके सम्मान और अधिकार की रक्षा के लिए सरकार हरसंभव कदम उठायेगी।-------------------
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर