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पटना, 18 अगस्त (हि.स.)। बिहार के सुपौल जिले में, बीरपुर के पास, भारत-नेपाल सीमा के करीब स्थित है कोसी बराज के 66 गेटों, उत्थापन व्यवस्था (होइस्टिंग अरेंजमेंट), ओवरहेड क्रेन, मोनो क्रेन और संबंधित यांत्रिक उपकरणों के रखरखाव और मरम्मत के लिए राज्य सरकार ने 27 करोड़ 78 लाख 54 हजार 336 रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति दी है। इसकी जानकारी राज्य के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने सोमवार को दी।
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि यह स्वीकृति अगले पांच वर्षों (2025 से 2030) तक गेटों और संबंधित संरचनाओं के संचालन, अनुरक्षण, रख-रखाव और मरम्मत के कार्यों के लिए दी गई है। उन्होंने बताया कि विभागीय बजट के अंतर्गत मरम्मत एवं अनुरक्षण मद में 4320.66 लाख रुपये का प्रावधान है। अब इस स्वीकृति के बाद 2778.54 लाख रुपये इस योजना पर खर्च किए जाएंगे। पहले खर्च का अनुमान 48.55 करोड़ रुपये था। लेकिन बाद में इसे ठीक कर दिया गया है। इस योजना के तहत गेटों, प्लेटफॉर्म, पेंटिंग, होइस्टिंग सिस्टम और अन्य उपकरणों का रखरखाव और मरम्मत की जाएगी।
उन्होंने बताया कि निविदा प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी, ताकि कार्य तय समयसीमा में पूरा हो सके। इस परियोजना के पूरा होने से कोसी बराज के गेटों का कुशल संचालन सुनिश्चित होगा और उनकी दीर्घकालिक सुरक्षा को मजबूती मिलेगी। यह कदम बिहार के किसानों और प्रदेश के सिंचाई तंत्र के लिए बेहद अहम है। इससे आने वाले वर्षों में कृषि उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और जनसुरक्षा को भी लाभ पहुंचेगा।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार लगातार किसानों के हित के लिए काम कर रही है। 2005 की तुलना में बिहार में सिंचाई के लिए मजबूत नेटवर्क तैयार हुआ है। इसी कड़ी में कोसी बराज के यांत्रिक उपकरणों के रखरखाव और मरम्मत के लिए सरकार ने 27.78 करोड़ रुपये (2778.54 लाख) की प्रशासनिक स्वीकृति दे दी है।
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हिन्दुस्थान समाचार / चंदा कुमारी