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बिलासपुर, 18 अगस्त (हि.स.)। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने बिलासपुर शहर के चांटीडीह क्षेत्र की शराब दुकान के सामने खुले में शराब पीने के मामले में प्रकाशित खबर को संज्ञान लिया है। वहीं अहाता का कब्जा हटाए जाने के कारण लोग जो खुले क्षेत्र में शराब का सेवन कर रहे हैं। क्षेत्र के निवासियों के लिए परेशानी पैदा कर रहा है। इस स्थिति को देखते हुए न्यायालय ने नाराजगी जाहिर करते हुए इस स्तर पर सहायक आबकारी आयुक्त, बिलासपुर को इस संबंध में व्यक्तिगत हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है।
सोमवार को मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायाधीश विभु दत्त गुरु की बैंच में हुई सुनवाई में महाधिवक्ता का तर्क है कि पहले शराब की दुकान के पास अहाता था, जिसे सड़क चौड़ीकरण और स्थानीय निवासियों की आपत्ति के कारण ध्वस्त कर दिया गया है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि लाइसेंसी शराब की दुकान शहर या मोहल्ले के मध्य में स्थित है, प्रशासन की यह ज़िम्मेदारी है कि वह यह सुनिश्चित करे कि दुकान से खरीद की जा रही शराब का सेवन सार्वजनिक स्थान पर न किया जाए क्योंकि इससे उपद्रव होता है। इस मामले सहायक आबकारी अधिकारी को शपथपत्र में जवाब पेश करने और निगरानी के लिए 28 अगस्त, 2025 को पुनः सूचीबद्ध किया गए है।
हिन्दुस्थान समाचार / Upendra Tripathi