शिक्षा विद्यार्थियों को विचारवान तथा समाजोपयोगी बनाती है : प्रो. राजीव प्रकाश
कृषि विश्वविद्यालय में दीक्षा आरंभ प्रेरण कार्यक्रम प्रारंभ
14 दिवसीय प्रेरण कार्यक्रम ‘‘दीक्षा आरंभ’’ का शुभारंभ


14 दिवसीय प्रेरण कार्यक्रम ‘‘दीक्षा आरंभ’’ का शुभारंभ


रायपुर, 18 अगस्त (हि.स.)। छत्तीसगढ़ के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत शिक्षा सत्र 2025-26 में नव प्रवेशित स्नातक पाठ्यक्रम के विद्यार्थियों को चार वर्षीय पाठ्यक्रम के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराने हेतु आयोजित 14 दिवसीय प्रेरण कार्यक्रम ‘‘दीक्षा आरंभ’’ का साेमवार को कृषक सभागार में शुभारंभ किया गया। शुभारंभ समारोह के मुख्य अतिथि प्रो. राजीव प्रकाश, निदेशक भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, भिलाई, दुर्ग थे और कार्यक्रम की अध्यक्षता इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने की। दीक्षा आंरभ कार्यक्रम में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर परिसर के अंतर्गत संचालित समस्त कृषि महाविद्यालयों के विद्यार्थी एवं उनके अभिभावक ऑफलाइन अथवा ऑनलाइन शामिल हुए।

दीक्षा आरंभ समारोह के मुख्य अतिथि प्रो. राजीव प्रकाश, निदेशक भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, भिलाई, दुर्ग ने नव प्रवेशित विद्यार्थियों को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि देश की स्वतंत्रता के कई वर्षों बाद राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू कर विद्यार्थियों को गुरू शिष्य परंपरा से जोड़ने की पहल की गई है और इसी कड़़ी में विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में दीक्षा आरंभ कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। प्रो. राजीव प्रकाश ने कहा कि शिक्षा केवल डिग्री और नौकरी देने का साधन नहीं है बल्कि यह व्यक्तित्व के संपूर्ण विकास का माध्यम है। शिक्षा विद्यार्थियों में जीवन मूल्यों का विकास करती है और उन्हें उत्कृष्टता प्राप्त करने की दृष्टि प्रदान करती है। प्रो. राजीव प्रकाश ने कहा कि नवीन शिक्षा नीति से नवीन भारत के निर्माण की परिकल्पना साकार होगी।

समारोह की अध्यक्षता करते हुए इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत इस वर्ष सभी महाविद्यालयों में नव प्रवेशित विद्यार्थियों के लिए दीक्षा आरंभ प्रेरण कार्यक्रम आयोजित किया गया है। उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा विगत वर्ष से नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू किया गया है तथा उसी के अनुरूप पाठ्यक्रमों तथा अध्ययन प्रणाली को विकसित किया गया है। यह विश्वविद्यालय प्रदेश का एक प्रमुख संस्थान है जो कृषि शिक्षा, अनुसंधान और प्रसार में उत्कृष्टता के लिए समर्पित है। कृषि महाविद्यालयों में हम कृषि में नवाचार, स्थिरता और शैक्षणिक उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।

डॉ. चंदेल ने कहा कि नवप्रवेशित विद्यार्थियों के लिए आयोजित 14 दिवसीय प्रेरण कार्यक्रम दीक्षा आरंभ के दौरान विद्यार्थियों को उनके द्वारा पढ़े जाने वाले पाठ्यक्रमों, कोर्स क्रेडिट प्रणाली, सूचना प्रणाली, परीक्षा प्रणाली, छात्र वृत्ति, विभिन्न शुल्क, हॉस्टल सुविधा, लाइब्रेरी सुविधा, कृषि अनुसंधान एवं विस्तार कार्य, व्यक्तित्व विकास, उद्यमिता विकास आदि के संबंध में विशेषज्ञों द्वारा जानकारी दी जाएगी। इसके साथ ही नवप्रवेशित विद्यार्थियों को विभिन्न विभागों, प्रयोगशालाओं, लाइब्रेरी तथा अनुसंधान प्रक्षेत्र का भ्रमण भी करवाया जाएगा।

दीक्षा आरंभ कार्यक्रम के प्रभारी तथा कृषि महाविद्यालय रायपुर के अधिष्ठाता डॉ. आरती गुहे ने स्वागत भाषण देते हुए दीक्षा आरंभ कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की। दीक्षारंभ आयोजन के द्वितीय सत्र में डॉ. एस. बी. वेरूलकर, प्राध्यापक द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के विभिन्न प्रावधानों के बारे में विस्तृत व्याख्यान दिया गया एवं डॉ. आरती गुहे, अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय रायपुर, डॉ. एस.एस. सेंगर अधिष्ठाता खाद्य प्रौद्योगिकी, डॉ. विनय पाण्डेय अधिष्ठाता कृषि अभियांत्रिकी, एवं डॉ. ए.के. दवे निदेशक शिक्षण द्वारा दीक्षा आरंभ 2025 एवं विश्वविद्यालय की शिक्षण व्यवस्था की रूपरेखा रखी। इस अवसर पर संचालक अनुसंधान सेवाएं, निदेशालय विस्तार सेवाएं, निदेशक शिक्षण, अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय, रायपुर, अधिष्ठाता कृषि अभियांत्रिकी, अधिष्ठाता खाद्य प्रौद्योगिकी, प्राध्यापकगण तथा विद्यार्थी उपस्थित थे।

हिन्दुस्थान समाचार / चन्द्र नारायण शुक्ल