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जयपुर, 18 अगस्त (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट ने कैदियों के कल्याण से जुड़े मामले में प्रदेश के हर जिले के डीजे को कहा है कि वह स्थानीय जेलों का दौरा कर देखे कि अदालती आदेश की पालना हुई है या नहीं। अदालत ने इनसे आठ सप्ताह में रिपोर्ट पेश करने को कहा है। वहीं अदालत ने मामले में राज्य सरकार से भी कहा कि अदालत की ओर से समय-समय पर दिए आदेश की पालना में क्या कार्रवाई की गई है। जस्टिस एसपी शर्मा और जस्टिस संजीत पुरोहित की खंडपीठ ने यह आदेश प्रकरण में लिए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए।
सुनवाई के दौरान न्यायमित्र प्रतीक कासलीवाल ने अदालत को बताया कि मामले में राज्य सरकार की ओर से गत 15 जुलाई को भी ठोस पालना रिपोर्ट पेश करने के लिए समय लिया था। इसके बावजूद अभी तक सरकार ने रिपोर्ट पेश नहीं की है। अदालत ने वीसी सहित अन्य बिंदुओं पर स्पष्ट रिपोर्ट मांगी थी, लेकिन उस संबंध में भी राज्य सरकार ने कोई जानकारी नहीं दी है। ऐसे में जिला न्यायाधीशों से स्थानीय जेलों की रिपोर्ट मंगानी चाहिए और राज्य सरकार को भी पालना रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए जाए, ताकि अदालत के समक्ष जेलों की वास्तविक स्थिति आ सके। इस पर अदालत ने राज्य सरकार को समय-समय पर दिए निर्देशों की पालना रिपोर्ट पेश करने को कहा है। गौरतलब है कि कैदियों के हालातों को देखते हुए अदालत ने सालों पहले प्रकरण में स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लिया था। इसके बाद अदालत ने राज्य सरकार को 45 बिंदुओं पर दिशा-निर्देश जारी किए थे। वहीं बाद में अदालत ने पांच अन्य बिंदुओं पर भी राज्य सरकार से पालना रिपोर्ट पेश करने को कहा था। अदालत ने गत सुनवाई पर राज्य सरकार को यह चेतावनी भी दी थी कि यह ठोस जानकारी पेश नहीं की गई तो संबंधित विभागों के सचिवों को तलब किया जाएगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / पारीक