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अयोध्या, 18 अगस्त (हि.स.)। प्रतिष्ठित पीठ मारुति सदन प्रमाेदवन, अयाेध्याधाम का नया महंत त्यागी मनाेज दास काे बनाया गया। मंदिर प्रांगण में महंताई समाराेह का अयाेजन हुआ। जिसमें रामनगरी के विशिष्ट संत-महंतों ने साधुशाही परंपरानुसार त्यागी मनाेज दास काे कंठी, चादर, तिलक देकर महंती की मान्यता प्रदान किया। साथ ही साथ संत-महंताें द्वारा महज्जरनामा पर हस्ताक्षर भी किया गया। मारुति सदन के महंत रहे मधुसूदन दास महाराज का विगत दिनों साकेतवास हो गया। तब से मंदिर की गद्दी खाली चल रही थी। जिस पर अयोध्या के संत-महंताें ने मनाेज दास की ताजपाेशी की। साेमवार काे साकेतवासी महंत का तेरहवीं भंडारा रहा। महाराज श्री के तेरहवीं भंडारे पर उपस्थित संत-महंताें ने कंठी, चादर, तिलक देकर मारुति सदन मंदिर का नया महंत उनके प्रमुख शिष्य त्यागी मनाेज दास काे नियुक्त किया।
संताें ने साकेतवासी महंत मधुसूदन दास महाराज के चित्रपट पर श्रद्धासुमन अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर मारुति सदन के नवनियुक्त महंत त्यागी मनाेज दास महाराज ने बताया कि संत-महंताें ने कंठी, चादर, तिलक देकर उन्हें मारुति सदन का नया महंत नियुक्त किया है। संताें ने उनकाे जिस पद की बागडोर साैंपी है। उसका वह पालन करेंगे। उसकी गरिमा बनाये रखेंगे। साथ ही महंत पद एवं मंदिर की प्रतिष्ठा अक्षुण्ण बनाये रखेंगे। उसे कभी धूमिल नही हाेने देंगे। गुरुदेव के बतलाए हुए मार्ग और पदचिंहाें पर वह हमेशा चलते रहेंगे।
मठ में ठाकुरजी की सेवा संग गाै, संत, विद्यार्थी तथा अतिथि सेवा सुचार रूप से चलती रहेगी। आश्रम का सर्वांगीण विकास करेंगे। मंदिर अपने उत्तराेत्तर समृद्धि की ओर अग्रसर रहेगा। संत-महंत एवं भक्तजनों ने प्रसाद ग्रहण किया।
नये महंत त्यागी मनाेज दास द्वारा पधारे हुए संत-महंत, विशिष्टजनाें का स्वागत-सत्कार किया गया। महंताई समाराेह में दिगंबर अखाड़ा के श्रीमहंत परमहंस वैष्णव दास, महंत अवधकिशाेर शरण, महंत रामलाेचन शरण, महंत मनमोहन दास, महंत परशुराम दास, महंत कमलादास रामायणी, महंत सत्येंद्र दास वेदांती, महंत उत्तम दास, महंत रामशरण दास रामायणी, महंत माधवदास दास, महंत भूषण दास, महंत प्रियाशरण, महंत राममिलन दास, महंत अंजनी शरण, महंत रामलखन शरण, नागा रामलखन दास, महंत कृष्णा दासी, महंत राजन बाबा, महंत निर्मल शरण, महंत हरिभजन दास, महंत प्रशांत दास शास्त्री, पुजारी श्याम नारायण दास, चंद्रभूषण, अमर कुमार, चुन्नू तिवारी, काशीनाथ तिवारी आदि संत-महंत व भक्तजन माैजूद रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / पवन पाण्डेय