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बिजनौर,13 अगस्त (हि.स.) | एडीजे फर्स्ट रामावतार यादव ने रचित हत्याकांड के 11 दाेषियाें को आजीवन कारावास की सजा व 6 लाख 67 हजार 500 रुपए का जुर्माना लगाया है |
रचित के पिता धर्मेंद्र सिंह ने 5 फरवरी 21 को थाना हल्दौर पर तहरीर देकर बताया था कि रचित की कुछ दिन पहले शारिक पुत्र सईद से किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई थी। शारिक ने पीड़ित के बेटे को जान से मारने की धमकी दी थी। रचित मोबाइल खरीदने गया था जहां मार्केट में शारिक पुत्र सईद ,शादाब पुत्र शफीक सहबर पुत्र सरवर, शाहजहान पुत्र इरफान निवासी मोहल्ला पीरजादगान कस्बा झालू आसिफ पुत्र सलीम मेरे बेटे को छतरी वाले के पास घेर लिया। आरोपियों ने रचित पर तमंचे से ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी , रचित जान बचाने के लिए सचिन की मोबाइल की दुकान में घुस गया, आरोपियों ने दुकान में घुसकर रचित की हत्या कर दी | हत्या करने के बाद दहशत फैलाने के लिए आरोपियों ने बाजार में फायरिंग कर दुकान पर बैठकर सिगरेट भी पी तथा गवाही देने वालों को जान से मारने की धमकी देते हुए फरार हो गए |
मुकदमे की विवेचना के समय हत्या की साजिश रचने में आरोपियों के नाम बढ़ाये गए थे | एडीजे कोर्ट ने रचित हत्याकांड में शारिक पुत्र सईद,शादाब पुत्र शफीक, शहबर पुत्र सरवर ,शहजान पुत्र इरफान,आसिफ पुत्र हसनैन उर्फ नईम,वाजिद पुत्र साबिर,समीर शेख पुत्र इनामुलनबी,जोनी पुत्र यशपाल,रितिक पुत्र जागेश,मतीन पुत्र मुन्ना मुस्तफा नाजिम पुत्र मोहसिन,को हत्या सिद्ध होने पर आजीवन कारावास की सजा व जुर्माना लगाया गया है |
चार वर्ष बाद बेटे के हत्यारों को सजा मिलने के बाद रचित की मां ने कहां कि न्याय की जीत हुई है |
हिन्दुस्थान समाचार / नरेन्द्र