बलरामपुर : निक्षय मित्र बनकर टीबी मरीजों को प्रदान किया जा रहा है पोषण आहार
बलरामपुर, 12 अगस्त (हि.स.)। प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत टीबी का उपचार ले रहे मरीजों को समाज के सक्षम वर्ग द्वारा निक्षय मित्र बन अतिरिक्त पोषण सहयोग प्रदान किया जाता है। निक्षय मित्र बनने प्रेरित करने के लिए राज्यपाल रमेन डेका के द्वार
बलरामपुर : निक्षय मित्र बनकर टीबी मरीजों को प्रदान किया जा रहा है पोषण आहार


बलरामपुर, 12 अगस्त (हि.स.)। प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत टीबी का उपचार ले रहे मरीजों को समाज के सक्षम वर्ग द्वारा निक्षय मित्र बन अतिरिक्त पोषण सहयोग प्रदान किया जाता है। निक्षय मित्र बनने प्रेरित करने के लिए राज्यपाल रमेन डेका के द्वारा अपने जिला प्रवास के दौरान 10 कोरवा पण्डों मरीजों को निक्षय मित्र बनकर अतिरिक्त पोषण आहार हेतु 500 प्रति मान से स्वेच्छा अनुदान प्रदान किया जा रहा है।

कलेक्टर राजेन्द्र कुमार कटारा के निर्देशन एवं जिला पंचायत सीईओ नयनतारा सिंह तोमर के मार्गदर्शन और मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बसंत कुमार सिंह के नेतृत्व में जिले में भारतीय रेड क्रॉस सोसायटी बलरामपुर द्वारा निक्षय मित्र बन कर वर्ष 2025 में 126 टीबी मरीजों को अतिरिक्त पोषण आहार प्रदान किया जा रहा है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बसंत कुमार सिंह ने आज मंगलवार को बताया कि, निक्षय मित्र बनने वाले टीबी मरीजों को प्रोटीन युक्त आहार उपलब्ध कराते हैं। यह पोषण आहार मरीजों के रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा कर उन्हें तेजी से स्वस्थ्य होने में मदद करता है। टीबी के लक्षणों की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि यह संक्रामक रोग है, जो हवा के माध्यम से फैलता है। दो सप्ताह से अधिक खाँसी, शाम को हल्का बुखार आना, पसीना आना, वजन घटना, भूख न लगना तथा बच्चों में वजन का न बढ़ना इसके प्रमुख लक्षण है, ऐसे लक्षण पाये जाने पर तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में जाँच कराना चाहिए।

कलेक्टर के द्वारा सभी जिला अधिकारी-कर्मचारी, जनप्रतिनिधि एवं समाज के सक्षम व्यक्ति से अपील किया गया है कि वे लोग भी निक्षय मित्र बनकर टीबी मरीजों को पोषण आहार प्रदान कर टीबी से लड़ने में मदद कर सकते हैं। जिससे टीबी जैसी भयावह रोग से जिले को टीबी मुक्त किया जा सके।

उल्लेखनीय है कि टीबी एक संक्रामक रोग है जो हवा के माध्यम से फैलता है। दो हफ्ते से अधिक खांसी, शाम को हल्का बुखार, पसीना आना, छाती में दर्द, वजन में कमी, भूख न लगना, बच्चों में वजन का न बढ़ना ये कुछ ऐसे लक्षण हैं जो टीबी होना प्रकट करते हैं। लक्षण होने पर नजदीक के अस्पताल में संपर्क करना चाहिए। मरीज 6 माह के डॉट्स के उपचार से पूरी तरह ठीक हो जाता है।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / विष्णु पांडेय