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- पुराने वाहनों के मामले में सुप्रीम काेर्ट ने केंद्र से चार हफ्ते में मांगा जवाब
नई दिल्ली, 12 अगस्त (हि.स.)। पुरानी गाड़ी मालिकों के लिए राहत की खबर है। 10 साल पुरानी डीजल और 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियों पर दिल्ली-एनसीआर में रोक नहीं लगेगी। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार की उस याचिका पर सरकार को कोई कार्रवाई ना करने को कहा है जिसमें 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध लगाने के 2018 के आदेश पर पुनर्विचार की मांग की गई है। कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर चार हफ्तों में जवाब दाखिल करने को कहा है।
दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दिल्ली-एनसीआर में पुराने डीजल और पेट्रोल वाहनों पर पूर्ण प्रतिबंध की समीक्षा की मांग की है। दिल्ली सरकार का कहना है कि उम्र आधारित सख्त प्रतिबंधों की जगह वैज्ञानिक मानकों पर आधारित उत्सर्जन आधारित लागू की जानी चाहिए।
दिल्ली सरकार की याचिका में सुप्रीम कोर्ट के 29 अक्टूबर, 2018 के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के निर्देश को बरकरार रखते हुए 10 वर्ष से अधिक पुराने डीजल और 15 साल से अधिकर पुराने पेट्रोल वाहनों के संचालन पर रोक लगाई गई थी।
दिल्ली सरकार की याचिका में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग से एक समग्र अध्ययन कराने की मांग की गयी है। याचिका में कहा गया है कि समग्र अध्ययन से ये पता चलेगा कि क्या आयु-आधारित प्रतिबंध उत्सर्जन आधारित वाहन फिटनेस नीति की तुलना में वास्तव में अधिक प्रभावी हैं। दिल्ली सरकार ने कहा है कि वाहनों से होने वाला प्रदूषण उनके रखरखाव और उपयोग के तरीकों पर निर्भर करता है। ऐसे में केवल उम्र के आधार पर लगाया गया प्रतिबंध प्रदूषण नियंत्रण में कारगर नहीं हो सकता है। इसलिए मानकीकृत परीक्षण के तरीके से वाहनों के वास्तविक उत्सर्जन स्तर के आधार पर फैसला किया जाना चाहिए।
हिन्दुस्थान समाचार/संजय
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हिन्दुस्थान समाचार / अमरेश द्विवेदी