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रायपुर, 12 अगस्त (हि.स.)।छत्तीसगढ़ सरकार और क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (क्यूसीआई) ने मंगलवार को छत्तीसगढ़ गुणवत्ता संकल्प की शुरुआत की। यह एक रणनीतिक, बहुवर्षीय पहल है, जिसका उद्देश्य शासन, उद्योग और जमीनी स्तर की सेवा वितरण में गुणवत्ता मानकों का एकीकरण करना है। यह कार्यक्रम राज्य की ज्ञान के लिए “गति”- सुशासन, बुनियादी ढांचे में तेजी, प्रौद्योगिकी और औद्योगिक विकास- की दृष्टि के अनुरूप है और शासन, शिक्षा एवं कौशल विकास, स्वास्थ्य, उद्योग और एमएसएमई, कृषि तथा पर्यटन में गुणवत्ता मानकों को ऊंचा उठाकर नागरिकों को अधिकतम लाभ और सेवा वितरण को मजबूत करना इसका लक्ष्य है।
रायपुर में आयोजित शुभारंभ कार्यक्रम की शुरुआत एक नेतृत्व सत्र से हुई, जिसमें मुख्य सचिव अमिताभ जैन (आईएएस), मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत (आईपीएस), वरिष्ठ विभागीय सचिव और क्यूसीआई के चेयरपर्सन जक्षय शाह तथा महासचिव चक्रवर्ती कन्नन सहित शीर्ष अधिकारी उपस्थित थे। चर्चा का केंद्र बिंदु यह रहा कि राज्य की विकास पहलों से ठोस और मापनीय परिणाम सुनिश्चित करने के लिए लक्षित हस्तक्षेप कैसे किए जाएं।
मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने अपने मुख्य संबोधन में सार्वजनिक जीवन में गुणवत्ता के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “गुणवत्ता की अवधारणा हमारी शैक्षिक यात्रा में निहित है और इसे समाज की बदलती जरूरतों के साथ विकसित होना चाहिए।”
मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत ने कहा कि गुणवत्ता हमारे दैनिक जीवन का अभिन्न हिस्सा है। उन्होंने कहा, “गुणवत्ता केवल दीवार पर टंगा प्रमाणपत्र नहीं है — यह उस हवा में है जो हम सांस लेते हैं, उस पानी में है जो हम पीते हैं, और उन सेवाओं में है जिन पर हम निर्भर हैं। क्यूसीआई के सहयोग से छत्तीसगढ़ सभी क्षेत्रों में ठोस प्रगति कर सकता है।”
क्यूसीआई के चेयरपर्सन जक्षय शाह ने इसे एक परिवर्तनकारी यात्रा की शुरुआत बताया। उन्होंने कहा, “राज्य के सभी विभागों के अधिकारियों के साथ मिलकर हम महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय करेंगे, गहराई से सुनेंगे और छत्तीसगढ़ की अनूठी संभावनाओं के अनुरूप अभिनव समाधान तैयार करेंगे।”
क्यूसीआई के महासचिव चक्रवर्ती कन्नन ने कहा कि गुणवत्ता राज्य की पहचान में रची-बसी है। उन्होंने कहा, “शिक्षा, कौशल और नवाचार में गुणवत्ता को शामिल कर छत्तीसगढ़ अपनी पूरी क्षमता का उपयोग कर सकता है।”
नेतृत्व सत्र के बाद हुए क्षेत्रवार विचार-विमर्श में अगले तीन से छह महीनों के लिए क्रियान्वयन योग्य रोडमैप तैयार किए गए। प्रस्तावित उपायों में शामिल हैं — सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों के लिए राज्यव्यापी एनएबीएच मान्यता अभियान, एनएबीएल लैब नेटवर्क का विस्तार, एमएसएमई के लिए ज़ेडईडी और लीन मैन्युफैक्चरिंग योजनाओं का प्रोत्साहन, ग्रामीण और आदिवासी उद्योगों के लिए वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) पारिस्थितिकी तंत्र का विकास, विद्यालयों के लिए लर्निंग आउटकम एनहांसमेंट फ्रेमवर्क का कार्यान्वयन, तकनीकी संस्थानों का गुणवत्ता मूल्यांकन, मातरी वंदन योजना जैसी प्रमुख योजनाओं का थर्ड-पार्टी मूल्यांकन, पर्यटन गुणवत्ता आश्वासन ढांचा, और कृषि मूल्य श्रृंखला की व्यापक गुणवत्ता जांच।
छत्तीसगढ़ गुणवत्ता संकल्प को उच्च गुणवत्ता, सतत और वैश्विक प्रतिस्पर्धा वाले भविष्य की दिशा में एक निर्णायक कदम माना जा रहा है, जो विकसित भारत 2047 की राष्ट्रीय दृष्टि के साथ पूरी तरह से मेल खाता है।
क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया एक स्वायत्त निकाय है, जिसे भारत सरकार ने सभी आर्थिक क्षेत्रों में गुणवत्ता मानकों को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किया है। अपने घटक बोर्डों के माध्यम से कार्य करते हुए, क्यूसीआई उत्पादों, सेवाओं और प्रक्रियाओं का स्वतंत्र थर्ड-पार्टी मूल्यांकन करता है, जिससे पूरे देश में गुणवत्ता की संस्कृति को बढ़ावा मिलता है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) इसका नोडल मंत्रालय है।
हिन्दुस्थान समाचार / केशव केदारनाथ शर्मा