एक सवाल के दो जगह अंक, आरएएस की मेरिट कम करने पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
जयपुर, 12 अगस्त (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट ने आरएएस भर्ती-2018 में आरएएस पद पर चयनित अधिकारी की उत्तर पुस्तिका के एक उत्तर में दो अलग-अलग प्राप्तांको के आधार पर मेरिट स्तर नीचे करने के मामले में राज्य सरकार और आरपीएससी सचिव से जवाब तलब किया है। जस्टि
हाईकाेर्ट


जयपुर, 12 अगस्त (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट ने आरएएस भर्ती-2018 में आरएएस पद पर चयनित अधिकारी की उत्तर पुस्तिका के एक उत्तर में दो अलग-अलग प्राप्तांको के आधार पर मेरिट स्तर नीचे करने के मामले में राज्य सरकार और आरपीएससी सचिव से जवाब तलब किया है। जस्टिस मनीष शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश पदमा देवी की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए।

याचिका में अधिवक्ता धर्मवीर ठोलिया और हिमांशु ठोलिया ने अदालत को बताया कि आरपीएससी ने साल 2018 में आरएएस भर्ती निकाली थी। जिसमें याचिकाकर्ता ने लिखित परीक्षा और साक्षात्कार में सफल होकर अंतिम मेरिट में 24वां स्थान प्राप्त किया। इसके बाद राज्य सरकार ने उसे आरएएस पद पर नियुक्ति देकर बाद में उसका स्थायीकरण भी कर दिया। याचिकाकर्ता विभिन्न जिलों में एसडीओ रहने के बाद फिलहाल लाडनूं में एसडीओ पद पर तैनात है। याचिका में कहा गया कि आरपीएससी ने उसे गत 1 मई को नोटिस भेजा कि उत्तर पुस्तिका के भाग संख्या सी के प्रश्न संख्या 34 में परीक्षक ने उसे एक जगह शून्य और एक जगह सात अंक दिए हैं। ऐसे में वे आयोग में पेश होकर अपना जवाब पेश करें। इसके जवाब में याचिकाकर्ता ने कहा कि परीक्षक की ओर से दिए अंकों को लेकर याचिकाकर्ता जिम्मेदार नहीं है। वहीं आरएएस परीक्षा नियम के नियम 18 के तहत अंकों की केवल पुन: गणना ही हो सकती है और परीक्षार्थी की ओर से दिए उत्तर का पुन: परीक्षण नहीं किया जा सकता। याचिका में कहा गया कि अब उसकी मेरिट 24 से घटाकर 39 सी कर दी गई है। जिससे वह समान बैच के 14 अफसरों से जूनियर हो गया है। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है।

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हिन्दुस्थान समाचार / पारीक