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कोलकाता, 12 अगस्त (हि.स.)। पश्चिम बंगाल के प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति घोटाले में मंगलवार काे गवाही शुरू होनी थी, लेकिन प्रक्रिया अटक गई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राज्य के कारागार एवं लघु-कुटीर उद्योग मंत्री चंद्रनाथ सिन्हा के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी, लेकिन मंगलवार को अदालत को सूचित किया कि राजभवन से आवश्यक अनुमति (सैंक्शन) के दस्तावेज अभी तक नहीं मिले हैं। नतीजतन, अदालत ने चार्जशीट स्वीकार नहीं की और गवाही की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी। अब इस मामले की अगली सुनवाई 20 अगस्त को होगी।
पिछले बुधवार ईडी ने कोलकाता की विशेष सीबीआई अदालत में चंद्रनाथ के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। इससे पहले मंत्री दो बार ईडी की समन से बच चुके थे। हालांकि, पिछले गुरुवार वह ईडी कार्यालय पहुंचे थे, लेकिन उनसे पूछताछ हुई या नहीं, यह स्पष्ट नहीं है।
ईडी सूत्रों के अनुसार, जांच के दौरान बर्दवान के बलाईगंज के बर्खास्त तृणमूल युवा नेता कुंतल घोष से पूछताछ में चंद्रनाथ का नाम सामने आया। इसके बाद 25 जुलाई को ईडी ने मंत्री को तलब किया, लेकिन वह उपस्थित नहीं हुए। उसी दिन ईडी अधिकारियों ने उनके घर की तलाशी लेकर 41 लाख नकद बरामद किए और मोबाइल फोन जब्त किया। फोन का पासवर्ड खुलवाने के लिए भी उन्हें बुलाया गया था।
इसके बाद 28 जुलाई और 31 जुलाई को भी नोटिस भेजे गए, लेकिन मंत्री ने दूसरी बार भी पेशी से परहेज किया। 31 जुलाई को ईडी ने उनसे और उनके परिवार की सभी चल-अचल संपत्तियों के दस्तावेज मांगे थे, जिस पर चंद्रनाथ ने समय देने की बात कही थी। अंततः दस्तावेज जमा करने से पहले ही उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल हो गई, लेकिन राजभवन की अनुमति न मिलने के कारण अदालत ने इसे स्वीकार नहीं किया। हालांकि राज भवन के सूत्रों ने पिछले हफ्ते ही बताया था कि राज्यपाल ने इसकी अनुमति दे दी है। बहरहाल केंद्रीय एजेंसी का कहना है कि अभी तक कागजी दस्तावेज उनके हाथ में नहीं मिले है। ---------------------------
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर