केंद्रीय संचार ब्यूरो दुर्ग द्वारा “भारतीय स्वतंत्रता की वीर गाथा एवं विभाजन विभीषिका” प्रदर्शनी का भव्य आयोजन
-छत्तीसगढ़ के वीर सपूतों के अमर योगदान को किया याद रायपुर, 12 अगस्त (हि.स.)।केंद्रीय संचार ब्यूरो (सीबीसी) दुर्ग के तत्वावधान में “भारतीय स्वतंत्रता की वीर गाथा एवं विभाजन विभीषिका” विषय पर तीन दिवसीय प्रदर्शनी का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम में छत्तीसगढ
भारतीय स्वतंत्रता की वीर गाथा एवं विभाजन विभीषिका” प्रदर्शनी का शुभारंभ करते अधिकारी


छात्र-छात्राओं ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया


-छत्तीसगढ़ के वीर सपूतों के अमर योगदान को किया याद

रायपुर, 12 अगस्त (हि.स.)।केंद्रीय संचार ब्यूरो (सीबीसी) दुर्ग के तत्वावधान में “भारतीय स्वतंत्रता की वीर गाथा एवं विभाजन विभीषिका” विषय पर तीन दिवसीय प्रदर्शनी का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के स्वतंत्रता सेनानियों के अद्वितीय योगदान और विभाजन की ऐतिहासिक त्रासदी को सजीव चित्रों एवं दस्तावेज़ों के माध्यम से प्रस्तुत किया गया।

प्रदर्शनी में ठाकुर प्यारेलाल, वीर नारायण सिंह, रामदयालु सिंह, ठाकुर नंदकुमार दानी, दुर्गा सिंह सिरमौर, शिवदास दादा, सरदार दिलीप सिंह, रामाधीन गोंड, धनीराम वर्मा, नारायण राव अंबिलकर, महंत लक्ष्मी नारायण जैसे अनेक महान स्वतंत्रता सेनानियों के जीवन व योगदान को विस्तार से दर्शाया गया। विभाजन विभीषिका के खंड में दुर्लभ फोटोग्राफ, प्रमाणिक दस्तावेज़ और ऐतिहासिक विवरण ने दर्शकों को भावुक कर दिया। लगभग 200 विद्यार्थियों ने इस प्रदर्शनी का प्रत्यक्ष अनुभव लिया।

कार्यक्रम का शुभारंभ मंगलाचरण और दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। मंच संचालन करते हुए डॉ. अजय आर्य ने भावपूर्ण पंक्तियों में कहा कि “जो भरा नहीं है भावों से, जिसमें रस नहीं वह हृदय नहीं, वह पत्थर है जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं।”सहायक निदेशक सीबीसी, दुर्ग सुदीप्त कर ने सभी माननीय अतिथियों का पुष्पगुच्छ और स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया। उन्होंने अपने स्वागत उद्बोधन में कहा कि

छत्तीसगढ़ प्रदेश भी आपका घर है, और यह देश भी हमारा घर है। जिस दिन हम देश को अपना घर मानने लगेंगे, उसी दिन देश की तस्वीर बदलने लगेगी।

कार्यक्रम की अध्यक्षता उमाशंकर मिश्रा, प्राचार्य पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय, दुर्ग ने की। अपने ओजस्वी व्याख्यान में उन्होंने कहा कि “लॉर्ड मैकाले ने हमारे मन में हीन भावना भरी थी। जब तक हम इससे मुक्त नहीं होंगे, हम देश का सशक्त निर्माण नहीं कर पाएंगे। हमारे प्रदेश के क्रांतिकारी पुरोधाओं से प्रेरणा लेकर ही नया इतिहास रचा जा सकता है।”

पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय दुर्ग, भिलाई महिला विद्यालय, नेशनल स्कूल और बीआरडी आदर्श कन्या विद्यालय के लगभग 200 छात्र-छात्राओं ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होंने विभाजन की ऐतिहासिक पीड़ा और छत्तीसगढ़ के वीर सपूतों के साहसिक योगदान के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की

यह कार्यक्रम तीन दिनों तक चलेगा। 14 अगस्त को पुरस्कार वितरण के साथ इसका समापन होगा। कल दोपहर 12 बजे क्विज, तात्कालिक भाषण, रंगोली और पेंटिंग प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी।कार्यक्रम के अंत में स्मृति-चिह्न वितरित किए गए।

हिन्दुस्थान समाचार / केशव केदारनाथ शर्मा