Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
नई दिल्ली, 11 अगस्त (हि.स.)। दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट में आज दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत तीन आरोपितों के खिलाफ 2019 में सरकारी संपत्ति को विरूपित करने के मामले में फोरेंसिक लेबोरेटरी ने आज अपनी रिपोर्ट दाखिल की। कोर्ट ने फोरेंसिक विभाग को ये रिपोर्ट जांच अधिकारी को सौंपने का निर्देश दिया। कोर्ट ने जांच अधिकारी को निर्देश दिया कि वो फोरेंसिक रिपोर्ट लेने के बाद जांच पूरी करें। एडिशनल चीफ जुडिशियल मजिस्ट्रेट नेहा मित्तल ने मामले की अगली सुनवाई 27 अगस्त को करने का आदेश दिया।
कोर्ट ने 11 मार्च को इस मामले में अरविंद केजरीवाल, पूर्व विधायक गुलाब सिंह और द्वारका की तत्कालीन पार्षद निकिता शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने शिकायतकर्ता शिव कुमार सक्सेना की अर्जी पर यह आदेश दिया था। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता शिव कुमार सक्सेना ने कोर्ट के समक्ष उन बड़े-बड़े बैनरों को दिखाया, जिसमें केजरीवाल, गुलाब सिंह और निकिता शर्मा के नाम लिखे हुए थे। कोर्ट ने कहा कि बड़े-बड़े बैनर लगाना न केवल सार्वजनिक संपत्ति को विरूपित करने का मामला है, बल्कि ये ट्रैफिक के लिए भी समस्या बनता है। ये सड़कों से गुजरने वाले वाहन चालकों का ध्यान भटकाता है, जिससे पैदल यात्रियों से लेकर वाहनों को सुरक्षा का खतरा बना रहता है।
कोर्ट ने इस मामले पर दिल्ली पुलिस की ओर से दाखिल एक्शन टेकन रिपोर्ट पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि इसमें कोई कार्रवाई नहीं हुई है। दिल्ली पुलिस ने अपने एक्शन टेकन रिपोर्ट में कहा था कि जांच के समय कोई होर्डिंग मौके पर मौजूद नहीं था। इसके बाद कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से होर्डिंग छापने और लगाने वालों का पता लगाने को कहा, ताकि हकीकत का पता चल सके। दरअसल, याचिकाकर्ता ने 2019 में दक्षिण-पश्चिमी दिल्ली के द्वारका में कई स्थानों पर बड़े-बड़े होर्डिंग लगाने की शिकायत की थी।
हिन्दुस्थान समाचार/संजय
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / प्रभात मिश्रा