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पटना, 11 अगस्त (हि.स.)। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने दिल्ली में बने नए सांसद आवासीय कॉम्प्लेक्स के नाम बिहार की कोसी नदी से जोड़ने के लिए के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि यह बिहार के प्रति उनके लगाव और अटूट प्रेम का सूचक है।
सम्राट चौधरी ने एक्स पर लिखा - मैं आदरणीय प्रधानमंत्री जी का बिहार की जनता की ओर से कोटिश धन्यवाद करता हूं।
प्रधानमंत्री मोदी ने 184 नए सांसद आवासों का उद्घाटन किया, जिन चार टॉवरों में सांसद आवासों का निर्माण हुआ है, उन्हें कृष्णा, गोदावरी, कोसी और हुगली नाम दिया गया है।
उद्घाटन समारोह में पीएम मोदी ने कहा कि जैसे ये चारों नदियां करोड़ों लोगों को जीवन देती हैं, वैसे ही इनके नाम पर बने टॉवरों में रहने वाले जनप्रतिनिधियों के जीवन में भी आनंद की नई धारा बहेगी।
कोसी की राष्ट्रव्यापी चर्चा के बाद सम्राट चौधरी ने कहा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में डबल इंजन की एनडीए सरकार बिहार की तस्वीर बदलने में जुटी है। वर्षों से बाढ़ और आपदा का पर्याय मानी जाने वाली कोसी नदी को सरकार ने योजनाबद्ध रणनीति से अब राज्य के लिए जल आपूर्ति और खुशहाली का माध्यम बना दिया है। डबल इंजन सरकार द्वारा शुरू की गई कोसी-मेची अंतरराज्यीय नदी जोड़ परियोजना बिहार के लाखों किसानों और आम जनता के लिए वरदान साबित होने जा रही है। इस ऐतिहासिक परियोजना का सीधा असर उत्तर बिहार की अर्थव्यवस्था, सिंचाई और जनजीवन पर दिखने लगा है। सरकार ने मार्च 2029 तक इस परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य रखा है, जिससे 76,000 हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि सिंचित होगी और बाढ़ की त्रासदी से राहत मिलेगी।
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि यह योजना राज्य के ग्रामीण अंचलों की किस्मत बदल देगी। इसके तहत न केवल बाढ़ से राहत मिलेगी बल्कि किसानों को साल भर सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध होगा, जिससे पैदावार कई गुना बढ़ेगी। उन्होंने बताया कि 6,282 करोड़ 32 लाख रुपये की लागत से तैयार हो रही इस परियोजना से बाढ़ के पानी का उपयोग कृषि और ग्रामीण विकास में होगा। साथ ही, यह योजना युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा करेगी। इस परियोजना के तहत कोसी नदी के बाढ़ के पानी को नियंत्रित तरीके से मेची नदी में स्थानांतरित किया जाएगा, जिससे जल संसाधन का संतुलन बनेगा। इससे हर साल आने वाली बाढ़ की विभीषिका से सैकड़ों गांव और लाखों किसान मुक्त होंगे।
उपमुख्यमंत्री चौधरी ने कहा - 2005 की तुलना में अब बिहार बाढ़ और जल प्रबंधन के लिए पूरी तरह तैयार है। 2007-08 में नेपाल से 1,93,000 क्यूसेक पानी छोड़े जाने पर 15 जिले बाढ़ग्रस्त हो गए थे, जबकि पिछले साल 6 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद भी केवल 156 गांव प्रभावित हुए है। हमारी कोशिश है कि बाढ़ से एक भी गांव प्रभावित नहीं हो।
डबल इंजन सरकार की दूरदर्शी नीतियों ने बिहार की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई राह दिखाई है। आने वाले वर्षों में परियोजना पूरी होने पर बिहार का किसान न सिर्फ बाढ़ से पूरी तरह मुक्त होगा बल्कि समृद्ध और आत्मनिर्भर भी बन सकेगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / चंदा कुमारी