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मुंबई, 10 अगस्त (हि.स.)। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि विदर्भ से पुणे जाने वालों यात्रियों की संख्या बहुत बड़ी है। वर्तमान में यात्रियों को महंगा टिकट लेकर निजी गाडिय़ों से यात्रा करनी पड़ती थी। इसमें अधिक समय भी लगता था। नागपुर-पुणे वंदे भारत एक्सप्रेस के रविवार से शुरू होने से अब इस समस्या का निदान हो गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को वर्चुअल माध्यम से नागपुर-पुणे वंदे भारत एक्सप्रेस का हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ किया। इस अवसर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
इस कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि विदर्भ से पुणे जाने वालों यात्रियों की संख्या बहुत अधिक है और वर्तमान में यात्रियों को महंगा टिकट लेकर निजी गाडिय़ों से यात्रा करनी पड़ती है। साथ ही इसमें अधिक समय भी लगता था। इससे यात्रियों को लाभ मिलेगा। इन बातों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने रेल मंत्री से नागपुर-पुणे रेल गाड़ी शुरू करने का अनुरोध किया था, जिसके सकारात्मक प्रतिसाद से यह सेवा शुरू हुई। नागपुर-पुणे वंदे भारत एक्सप्रेस देश की सभी वंदे भारत एक्सप्रेस गाडिय़ों में सबसे लंबी दूरी तय करने वाली गाड़ी है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में अहिल्यानगर-दौंड मार्ग से पुणे जाने वाली गाड़ी को 100 से 125 किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर लगाना पड़ता है। इसका समाधान करने के लिए रेल मंत्रालय को सुझाव दिया गया है कि नगर से पुणे के बीच सीधा मार्ग बनाया जाए, जिससे यात्रा की दूरी और समय दोनों कम होंगे। आने वाले समय में इस पर योजना बनाई जाएगी। छत्रपति संभाजीनगर, अहिल्यानगर और पुणे यह औद्योगिक क्षेत्र है और यहां का विकास करना है तो रेलवे के नए मार्ग बनाना आवश्यक है। इस वंदे भारत एक्सप्रेस से पश्चिम महाराष्ट्र और विदर्भ के धार्मिक स्थलों तक की यात्रा अब आसान और तेज़ होगी। इस सुविधा से स्थानीय लोगों को व्यापार, पर्यटन और रोजगार के अवसर बड़ी मात्रा में उपलब्ध होंगे।
इस अवसर पर विधायक मोहन मते, कृष्णा खोपड़े, प्रवीण दटके, मध्य रेलवे के महाप्रबंधक धर्मवीर मीणा, मंडल रेल प्रबंधक विनायक गर्ग सहित मध्य रेलवे के अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / राजबहादुर यादव