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पूर्णिया, 10 अगस्त (हि.स.)।प्रखंड के 11 पंचायतों में बाढ़ का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। लगभग पचास हजार की आबादी पानी से घिरी है, लेकिन प्रशासन की नजर में यहां अब तक राहत लायक बाढ़ आई ही नहीं है। हालात बेकाबू हैं—सड़कों पर नावें चल रही हैं, खेतों की फसलें पहले ही डूब चुकी हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं।
पिछले पखवाड़े से कोयली सिमडा पूरब, पश्चिम, गोडियरपटी श्रीमाता, लक्ष्मीपुर छर्रापटी, भौवा प्रबल, कांप, विजय मोहनपुर, विजय लालगंज, डोभा मिलिक, धूसर टीकापटी और नाथपुर पंचायत पूरी तरह जलमग्न हैं,जहां नजर डालें, वहां समुद्र जैसा दृश्य है। पशुपालकों को अपने मवेशियों के साथ पलायन करना पड़ रहा है, जबकि चारे की भारी किल्लत है।
स्थानीय मुखिया, पंचायत प्रतिनिधि और जनप्रतिनिधियों का कहना है कि बाढ़ पीड़ितों की सुध लेने वाला कोई नहीं है। बाढ़ से घिरे लोगों का दर्द सुनने पर दिल दहल जाता है, लेकिन अधिकारी सिर्फ ऊपरी रिपोर्ट भेजकर पल्ला झाड़ लेते हैं।
जनप्रतिनिधियों ने बताया कि इस क्षेत्र में बाढ़ का प्रभाव मुख्यमंत्री खुद पहले देख चुके हैं, इसके बावजूद अधिकारियों को यहां बाढ़ दिखती ही नहीं।
उन्होंने डीएम अंशुल कुमार से मांग की है कि वे खुद मौके पर आकर स्थिति की जांच करें और तत्काल बाढ़ राहत कार्य शुरू करवाएं।
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हिन्दुस्थान समाचार / नंदकिशोर सिंह