गंजाम छत्रपुर में ‘डिसैलिनेशन एसडब्ल्यूआरओ जल वितरण परियोजना’ का शुभारंभ
-समुद्र के खारे पानी को बदला जाएगा मीठे पानी में, जल संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण मील का पत्थर – धर्मेंद्र प्रधान भुवनेश्वर, 10 अगस्त (हि.स.)। दो दिवसीय गंजाम जिला दौरे पर आए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने रविवार को छत्रपुर के माटीखाल
गंजाम छत्रपुर में ‘डिसैलिनेशन एसडब्ल्यूआरओ जल वितरण परियोजना’ का शुभारंभ


-समुद्र के खारे पानी को बदला जाएगा मीठे पानी में, जल संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण मील का पत्थर – धर्मेंद्र प्रधान

भुवनेश्वर, 10 अगस्त (हि.स.)। दो दिवसीय गंजाम जिला दौरे पर आए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने रविवार को छत्रपुर के माटीखाल स्थित आईआरईएल (इंडिया) लिमिटेड परिसर में समुद्र के खारे पानी को मीठे पानी में बदलने के उद्देश्य से एक डीसैलिनेशन एसडब्ल्यूआरओ जल आपूर्ति परियोजना का शुभारंभ किया।

श्री प्रधान ने इस जल इकाई का निरीक्षण किया और पानी के शुद्धिकरण के बाद उसका स्वाद भी चखा। इस अवसर पर मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि आज जिस पहल की शुरुआत हुई है, वह समुद्री खारे पानी को मीठे पानी में बदलने की प्रक्रिया से संबंधित एक परियोजना है। गंजाम एक तटीय जिला होने के कारण विभिन्न जल समस्याओं का सामना करता है। समुद्र के नजदीक होने के बावजूद भूजल में लवणीयता अधिक है और सीमित मीठे जल संसाधनों के कारण स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता एक स्थायी समस्या बनी हुई है।

उन्होंने कहा कि स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता एक बुनियादी आवश्यकता है। यह पहल स्थानीय क्षेत्र में जल संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी और लोगों को स्वच्छ पेयजल का एक भरोसेमंद स्रोत उपलब्ध कराएगी। यह स्थानीय क्षेत्र के लंबे समय से चले आ रहे जल संकट को दूर करने में सहायक होगी।

श्री प्रधान ने आईआरईएल को इस पहल के लिए धन्यवाद दिया, जो स्वस्थ समाज के निर्माण और सतत विकास की दिशा में काम कर रहा है।

उन्होने कहा कि जैसे इज़राइल खारे पानी को शुद्ध कर बड़े पैमाने पर उसका उपयोग करता है, वैसे ही यहां भी पहले चरण में माटीखाल और आर्यपल्ली क्षेत्र के लोगों को पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए प्रति लीटर पानी पर मात्र 11 पैसे का खर्च आएगा। हमारे राज्य ओडिशा में 450 किलोमीटर लंबा समुद्र तट है। तटीय क्षेत्रों में शुद्ध पानी की समस्या रहती है। इसी दिशा में आज आईआरईएल की ओर से सीएसआर परियोजना के तहत आसपास के गांवों को पानी की व्यवस्था करना एक सराहनीय कदम है। समुद्र के खारे पानी को मीठे पानी में बदलकर लोगों को उपलब्ध कराने का यह कार्य राज्य में संभवतः पहली बार हो रहा है।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनीता महंतो