शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती की मनाई गई 91वीं जयंती
अयोध्या, 10 अगस्त (हि.स.)।प्रतिष्ठित पीठ कांचीमठ प्रमाेदवन, अयोध्या धाम में मठ के पूर्वाचार्य कांची कामकाेटि पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी जयेंद्र सरस्वती महाराज की जयंती धूमधाम से मनाई गई। यह महाराज श्री का 91वां जयंती महोत्सव रहा, जिससे पूरा
जयेंद्र सरस्वती जयंती


अयोध्या, 10 अगस्त (हि.स.)।प्रतिष्ठित पीठ कांचीमठ प्रमाेदवन, अयोध्या धाम में मठ के पूर्वाचार्य कांची कामकाेटि पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी जयेंद्र सरस्वती महाराज की जयंती धूमधाम से मनाई गई। यह महाराज श्री का 91वां जयंती महोत्सव रहा, जिससे पूरा मठ प्रांगण आहलादित व आप्लावित नजर आया। दाे दिवसीय जयंती उत्सव काे कांची कामकाेटि पीठ के वर्तमान पीठाधिपति जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी विजयेंद्र सरस्वती महाराज ने अपना सानिध्य प्रदान कर रहे थे। महाेत्सव के प्रथम दिन सुबह मठ में विराजमान सभी देवी-देवताओं का दिव्य श्रृंगार कर विधि-विधान पूर्वक पूजन-अर्चन, आरती किया गया। उसके बाद मंदिर के समस्त पूर्वाचार्य का पूजन-अर्चन, आरती हुआ। तदुपरांत 108 वैदिक ब्राह्मणों द्वारा सुंदरकांड का पाठ एवं वेद परायण किया गया। पाठ के समापन उपरांत मठ में स्थापित स्वामी जयेंद्र सरस्वती महाराज के विग्रह का वैदिक मंत्राेच्चार संग पूजन-अर्चन हुआ। तत्पश्चात वैदिक ब्राह्मणों का विशाल भंडारा प्रस्तावित रहा। भंडारे में काफी संख्या वैदिक ब्राह्मणों ने प्रसाद ग्रहण किया। जन्माेत्सव के क्रम सायंकाल पांच बजे भजन संध्या का आयोजन हुआ। भजन संध्या कार्यक्रम में नामी-गिरामी कलाकारों ने अपने गायन-वादन से जयंती महोत्सव में चार-चांद लगा दिया। उन्होंने उत्सव की समां बांध दी, जिससे श्राेतागण मंत्रमुग्ध हाे गए। कलाकाराें ने देररात्रि तक भजन संध्या की महफिल सजाई। उसके बाद सभी ने प्रसाद ग्रहण किया। जन्माेत्सव के क्रम में दूसरे दिन साेमवार काे सुबह 8 बजे से मठ प्रांगण में कांची शंकर नेत्रालय कानपुर द्वारा नेत्र चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया है। कांचीमठ अयोध्याधाम के प्रभारी आचार्य रामचंद्रन ने बताया कि मठ में कांची कामकाेटि पीठ के पूर्वाचार्य जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी जयेंद्र सरस्वती महाराज की 91वीं जयंती मनाई जा रही है। दाे दिवसीय जन्म महा महोत्सव के प्रथम दिन 108 वैदिक विद्वान ब्राह्मणाें द्वारा सुंदरकांड पाठ तथा वेद का परायण किया गया। उसके बाद महाराजश्री के विग्रह का अर्चन हुआ। फिर ब्राह्मणों का भंडारा किया गया। उन्होंने कहा कि जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी जयेंद्र सरस्वती महाराज अप्रतिम एवं विलक्षण प्रतिभा के धनी संत रहे। वह हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी यश, कीर्ति सदैव हम सबके साथ रहेगी। श्रीरामजन्मभूमि मुक्ति आंदोलन में उनका अहम योगदान रहा। राममंदिर के प्रति उनके द्वारा किए गए याेगदान काे कभी भुलाया नहीं जा सकता। वह आंदोलन के अग्रणी याेद्धाओं में से एक थे। श्रीराममंदिर के लिए उन्होंने अपना सर्वस्व न्याैछावर कर दिया। श्रीरामजन्मभूमि पर दिव्य-भव्य मंदिर निर्माण से उनका सपना पूरा और साकार हुआ। इस अवसर पर विहिप के केंद्रीय मंत्री राजेंद्र सिंह पंकज, आचार्य अशोक वैदिक, कांचीमठ प्रमाेदवन के व्यवस्थापक पुरूषाेत्तम वैदिक समेत सैकड़ों लाेग माैजूद रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / पवन पाण्डेय