Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
नई दिल्ली, 01 अगस्त (हि.स.)। उच्चतम न्यायालय ने राजनीतिक पार्टियों के दफ्तरों में भी प्रिवेंशन ऑफ सेक्सुअल हरासमेंट ऐट वर्कप्लेस (POSH) एक्ट के तहत आंतरिक शिकायत समिति बनाने की मांग पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। चीफ जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि यह संसद का विषय है और कोर्ट इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकती है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को कुछ महिला सांसदों के जरिये आंतरिक शिकायत समिति में शामिल करने के लिए संसद में प्राइवेट बिल लाने की सलाह दी।
वकील योगमाया ने दायर याचिका में कहा था कि दिशा-निर्देशों के मुताबिक आंतरिक शिकायत समिति का गठन अनिवार्य है। इस दिशा-निर्देश को हर राजनीतिक दलों पर लागू करना चाहिए। ऐसा करने से राजनीतिक दलों में महिलाओं के अनुकूल माहौल बनाने में मदद मिलेगी। याचिका में केंद्र सरकार और सभी राजनीतिक दलों को पक्षकार बनाया गया था।
हिन्दुस्थान समाचार/संजय
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / अमरेश द्विवेदी