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धर्मशाला, 01 अगस्त (हि.स.)। जिला कांगड़ा में शुक्रवार को आयोजित टीबी मुक्त अभियान के अंतर्गत बहु-क्षेत्रीय समीक्षा बैठक में उपायुक्त हेमराज बैरवा ने टीबी मरीजों की मौत पर चिंता जताई है। बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त ने कहा कि टीबी मुक्त भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जनभागीदारी अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने जानकारी दी कि जिले की 3.4 लाख आबादी में से 1.1 लाख लोगों की पहले ही अत्याधुनिक एआई-सक्षम पोर्टेबल एक्स-रे मशीनों से स्क्रीनिंग की जा चुकी है।
निक्षय पोषण योजना के अंतर्गत अब तक 715 टीबी मरीजों में से 644 को पोषण किट वितरित की जा चुकी हैं, जो 90 प्रतिशत कवरेज को दर्शाता है। जिला प्रशासन ने अनुमान लगाया है कि वर्ष 2025 में लगभग 1300 नए टीबी मरीज सामने आ सकते हैं, जिसके लिए अतिरिक्त संसाधनों की आवश्यकता होगी। उपायुक्त ने निर्देश दिए कि उद्योग विभाग स्वास्थ्य विभाग को 6 एक्स-रे साइट्स स्थापित करने में सहयोग करेगा। मंदिर ट्रस्ट से 5 नॉट मशीनें उपलब्ध करवाई जाएंगी तथा 2 हैंडहेल्ड एक्स-रे मशीनें जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई जाएंगी।
उपायुक्त ने टीबी से होने वाली मौतों पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने बताया कि वर्ष 2023 में जिले में 211 टीबी मरीजों की मृत्यु हुई, जिससे मृत्यु दर 7.6 प्रतिशत रही जो अत्यंत चिंताजनक है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि प्रत्येक मृत्यु की गहन समीक्षा की जाए, ताकि उपचार, निदान या सहयोग प्रणाली में किसी भी प्रकार की कमी का सही समय पर पता लगाकर आवश्यक सुधार किए जा सकें।
हिन्दुस्थान समाचार / सतेंद्र धलारिया