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मंडी, 03 अगस्त (हि.स.)। कभी कच्ची दीवारों और टपकती छतों के नीचे जिंदगी काट रहे परिवार आज पक्के और सुरक्षित आशियानों में गरिमापूर्ण जीवन व्यतीत कर रहे हैं। करसोग उपमंडल में यह बदलाव राज्य सरकार की महत्वकांक्षी स्वर्ण जयंती आश्रय योजना से संभव हो पाया है। गत दो वर्षों में मंडी जिला के करसोग उपमंडल के 202 पात्र लाभार्थी परिवारों को अपने पुराने, असुरक्षित घरों के स्थान पर पक्का आवास मिला है। उपमंडल में इन पक्के घरों का निर्माण करने के लिए राज्य सरकार द्वारा लगभग 3 करोड़ से अधिक की राशि व्यय की गई है। यह राशि विशेष रूप से आरक्षित वर्ग के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के परिवारों को पक्का घर उपलब्ध करवाने पर व्यय की गई है।
इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक लाभार्थी को 1,50,000 रुपए की आर्थिक सहायता दो किस्तों में प्रदान की गई, जिससे वे योजनाबद्ध और गुणवत्तापूर्ण निर्माण कार्य कर सकें। इस योजना ने उन परिवारों के जीवन को सहेजा है जो बरसों से एक सुरक्षित छत के लिए संघर्ष कर रहे थे।
भंथल गांव के जगदीश कुमार और ज्ञान चंद, भुट्टी सनारली के यशवंत सिंह तथा सुन्नी देवी इत्यादि ने बताया, “राज्य सरकार की घर बनाने की इस योजना से हमारा वर्षों पुराना सपना पूरा हुआ है। अब हमारे पास एक सुरक्षित और पक्का घर है। इसके लिए हम मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू और राज्य सरकार के हमेशा आभारी रहेंगे।
योजना के तहत वर्ष 2025 के लिए करसोग उपमंडल में 30 और नए मकानों की स्वीकृति प्रदान की गई है। इन लाभार्थियों को प्रथम किस्त के रूप में 75,000 रूपए प्रति लाभार्थी राशि जारी कर दी गई है, जिससे निर्माण कार्य प्रारंभ हो चुका है।
इधर, तहसील कल्याण अधिकारी करसोग भोपाल शर्मा ने बताया कि लाभार्थियों से सीधे संवाद कर निर्माण कार्यों की प्रगति की निरंतर निगरानी कर रहे हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी मकान समयबद्ध व गुणवत्तापूर्ण ढंग से बने। इसका उद्देश्य यही है कि कोई भी पात्र व्यक्ति योजना के लाभ से वंचित न रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / मुरारी शर्मा