बहुभाषी एआई और साइबर सुरक्षा पर केंद्र सरकार की नई पहल : जितिन प्रसाद
Sikander kumar


शिमला, 01 अगस्त (हि.स.)। राज्यसभा सांसद डॉ. सिकंदर कुमार के सवाल के जवाब में इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने शुक्रवार को बताया कि केंद्र सरकार देश में साइबर सुरक्षा और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के क्षेत्र में बड़े स्तर पर काम कर रही है।

मंत्री ने बताया कि मंत्रालय ने सूचना सुरक्षा शिक्षा और जागरूकता की एक परियोजना शुरू की है, जिसके तहत सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र के पेशेवरों में साइबर स्वच्छता और सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा रही है। इसके अलावा नैस्कॉम के साथ मिलकर ‘फ्यूचर स्किल प्राइम’ नामक एक कार्यक्रम चलाया जा रहा है, जिसमें एआई, बिग डेटा, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, 3डी प्रिंटिंग, क्लाउड कंप्यूटिंग, ब्लॉकचेन और वर्चुअल रियलिटी जैसी नई तकनीकों में युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

उन्होंने आगे बताया कि स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करने के लिए ‘साइबर सुरक्षा ग्रैंड चैलेंज’ भी शुरू किया गया है, जिससे युवा उद्यमियों को इनोवेशन का अवसर मिले। मार्च 2024 में भारत-एआई मिशन भी शुरू किया गया है, जिसका उद्देश्य भारत के विकास लक्ष्यों को देखते हुए मजबूत और समावेशी एआई इकोसिस्टम तैयार करना है।

मंत्री ने कहा कि इस मिशन के तहत भारत में अपने ही बड़े मल्टीमॉडल एआई मॉडल बनाए जा रहे हैं, जो भारतीय भाषाओं और डेटासेट पर आधारित होंगे। पहले चरण में चार स्टार्टअप सर्वम एआई, सोकेट एआई, ज्ञानि एआई और गन एआई का चयन किया गया है।

इसके साथ ही डिजिटल इंडिया भाषिणी प्रभाग द्वारा रेल मदद और राष्ट्रीय रेल पूछताछ प्रणाली (एनटीईएस) को बहुभाषी बनाने के लिए रेल सूचना प्रणाली केंद्र (सीआरआईएस) के साथ समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए गए हैं। रेल मदद यात्रियों की शिकायतों के समाधान के लिए एक केंद्रीकृत प्लेटफॉर्म है, जबकि एनटीईएस ट्रेनों की वास्तविक समय की जानकारी उपलब्ध कराता है।

जितिन प्रसाद ने कहा कि इन पहलों का मकसद तकनीक के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ाना और आम लोगों को नई तकनीक से जोड़ना है।

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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा