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नई दिल्ली, 1 अगस्त (हि.स.)। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने शुक्रवार को रेलवे, दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) सहित सभी सरकारी विभागों को दिल्ली में झुग्गियों को न हटाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि अगर विकास कार्य आदि को लेकर झुग्गी हटाई भी जाती है, तो उन्हें पहले वैकल्पिक आवास दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजधानी के बाहरी इलाकों में सालों पहले बने करीब 50 हजार मकानों को संवारकर उन्हें झुग्गी वालों को देने का निर्णय कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो दिल्ली सरकार झुग्गी बस्तियों पर बनी नीति में बदलाव करेगी और झुग्गी वालों का आवास बचाने के लिए न्यायालय भी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में बसी झुग्गियां देश की राजधानी का एक अनिवार्य अंग हैं। विपक्षी पार्टी ने हमेशा से ही झुग्गी वालों को वोट बैंक की राजनीति में फंसाए रखा है, लेकिन हमारी सरकार उनको सही मायनों में दिल्ली का निवासी बनाने के लिए लगातार गंभीर प्रयास कर रही है। इसे मुद्दे को लेकर विभिन्न विभागों के साथ लगातार बैठकें आयोजित की जा रही हैं और झुग्गी वालों को स्थायीत्व देने के लिए ठोस निर्णय लिए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब राजधानी में कोई भी झुग्गी हटाई नहीं जाएगी। इसके लिए रेलवे, डीडीए सहित सभी संबंधित विभागों को निर्देश जारी कर लिए गए हैं कि दिल्ली में कोई भी झुग्गी हटाई नहीं जाएगी। हमारी सरकार का स्पष्ट मत है कि अगर विकास कार्य या अन्य किसी मसले को लेकर झुग्गी हटेगी तो उसे पहले वैकल्पिक आवास मिलेगा। उन्होंने कहा कि झुग्गी वालों को बचाने के लिए अगर नियमों में बदलाव भी करना पड़ा तो सरकार उससे पीछे नहीं हटेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली के बाहरी इलाकों में सालों पहले बने करीब 50 हजार फ्लैट्स को अब गरीबों को दिया जाएगा। इन जर्जर व खाली फ्लैट्स को कुछ साल पहले जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन (जेएनएनयूआरएम) के तहत बनाया गया, लेकिन पूर्व सरकारों ने इनका आवंटन नहीं किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब इन फ्लैट्स को पीएमएवाई-यू (प्रधानमंत्री आवास योजना- शहरी) के अंतर्गत झुग्गी वालों का देने का निर्णय ले लिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विशेष बात यह है कि जेएनएनयूआरएम के तहत दिल्ली सरकार के दो विभाग (दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड व दिल्ली राज्य औद्योगिक और बुनियादी ढांचा विकास निगम) को करोड़ों रुपये दिए गए। पिछली सरकारों ने इनका उपयोग ही नहीं किया, जिस कारण यह धनराशि (करीब 732 करोड़ रुपये) वापस केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय को वापस की जानी थी, लेकिन केंद्र सरकार ने इस राशि को जर्जर फ्लैट्स को संवारने पर रजामंदी दे दी है। मुख्यमंत्री के अनुसार अब यह हजारों फ्लैट्स गरीब झुग्गी वालों के आवास के लिए काम आएंगे।
दिल्ली में झुग्गी झोपड़ी बस्तियों का परिदृश्य : वर्तमान में दिल्ली में कुल 675 झुग्गी बस्तियां हैं। इन बस्तियों में लगभग 3.06 लाख झुग्गियां हैं। कुल 804.5 हेक्टेयर क्षेत्रफल पर फैली इन बस्तियों में से लगभग 50 प्रतिशत डीडीए की जमीन पर बनी हैं। 23 प्रतिशत सरकारी/पब्लिक सेक्टर अथवा निजी जमीनों पर झुग्गी बस्तियां हैं। 22 प्रतिशत दिल्ली नगर निगम व दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड जैसी एजेंसियों की जमीनों पर हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / धीरेन्द्र यादव