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बुलंदशहर, 1 अगस्त (हि.स.)। उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर जिले के सबसे चर्चित स्याना हिंसा मामले में जिले की एडीजे-12 कोर्ट ने शुक्रवार को 38 दोषियों को सजा सुनाई है। हिंसा के दौरान इंस्पेक्टर सुबोध की हत्या के आराेप में पांच लोगों को उम्रकैद और अन्य 33 लोगों को बलवा, जानलेवा हमला और अन्य गंभीर धाराओं में सात-सात साल की सजा सुनाई है।
स्याना हिंसा मामले में पुलिस ने 44 आरोपिताें के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें एक बाल अपचारी का मामला बाल न्यायालय में चल रहा है। अन्य 43 लोगों में से सुनवाई के दौरान पांच लोगों की मौत हो चुकी है। जिले की एडीजे-12 कोर्ट ने इस मामले में 30 जुलाई को सभी 38 लाेगाें काे दोषी करार देते हुए सजा के ऐलान के लिए 1 अगस्त का दिन तय किया था। शुक्रवार काे एडीजे-12 गोपाल जी की कोर्ट ने सभी काे सजा सुनाई है। इस दौरान कोर्ट परिसर में सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किये गये थे।
स्पेशल काउंसिल यशपाल सिंह ने आज पत्रकाराें को बताया कि स्याना हिंसा और तत्कालीन थाना प्रभारी सुबाेध सिंह की हत्या के मामले में काेर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने इंस्पेक्टर सुबोध की हत्या के आराेप में प्रशांत नट, डेविड, जोनी, राहुल और लोकेंद्र मामा को उम्र कैद की सजा सुनाई है। बाकी अन्य दोषियों को सात-सात साल की सजा सुनाई। इन सभी पर जुर्माना भी लगाया गया, जिसकी रकम पीड़ित को दी जाएगी।
बचाव पक्ष के वकील अशोक डागर का कहना है कि कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुनाया है। इसमें पांच दोषियों को उम्रकैद की सजा और 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। अन्य लोगों काे सजा के साथ दाे हजार-दो हजार का जुर्माना लगाया है। उन्हाेंने कहा कि कोर्ट के फैसले का गहनता से विशलेषण करने के बाद इस फैसले काे उच्च न्यायालय में चुनाैती देंगे। मैं इस फैसले से संतुष्ट नहीं हूं।
दरअसल, बुलंदशहर जिले के स्याना इलाके में 3 दिसंबर 2018 को गोकशी की अफवाह के बाद भड़की हिंसा के दाैरान इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या कर दी गई थी। इस हिंसा के दाैरान उपद्रवियाें ने जमकर तोड़फोड़ और आगजनी भी की थी।
हिन्दुस्थान समाचार / सचिन कुमार शर्मा