बच्चों से संबंधित योजनाओं का अधिकारी करें व्यापक प्रचार : डीडीसी
बच्चों से संबंधित सरकारी योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार हो: डीडीसी


खूंटी, 31 जुलाई (हि.स.)। विश्व मानव तस्करी विरोधी दिवस के अवसर पर बाल कल्याण संघ, जिला प्रशासन और जिला बाल संरक्षण इकाई के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार को डीआरडीए सभागार में किशोर-किशोरी संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम का उद्देश्य किशोर-किशोरियों में मानव तस्करी, बाल श्रम, बाल विवाह एवं नशा जैसी सामाजिक कुरीतियों के प्रति जागरूकता फैलाना एवं उनके समाधान के लिए संवाद को बढ़ावा देना था। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित खूंटी के उप विकास आयुक्त आलोक कुमार ने कहा कि किसी भी समस्या के समाधान के लिए खुलकर बात करना आवश्यक है। हम प्रयास करेंगे कि पंचायती राज संस्थानों के साथ समन्वय स्थापित कर बच्चों से संबंधित सरकारी योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार हो।

उन्होंने कहा कि बच्चों के आसपास यदि कोई संदिग्ध गतिविधियां होती हैं तो बच्चे अपने मित्रों और भाई-बहनों से बात करें। ताकि समय रहते समस्याओं को पहचाना जा सके।

उन्होंने समाज में व्याप्त बाल विवाह और बाल श्रम जैसी समस्याओं को बदले हुए पारिवारिक और सामाजिक वातावरण का परिणाम बताया।

बाल तस्करी समाज का सबसे घृणित अपराध : एसपी

वहीं पुलिस अधीक्षक मनीष टोप्पो ने कहा कि बाल तस्करी समाज का सबसे घृणित अपराध है। जिला प्रशासन एवं पुलिस इस पर गंभीरता से कार्य कर रही है। नशा भी मानव तस्करी का एक प्रमुख माध्यम बनता जा रहा है, जिसके विरुद्ध व्यापक स्तर पर अभियान चलाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि बच्चे किसी भी प्रकार की समस्या या उत्पीड़न की स्थिति में पुलिस से सीधे संपर्क करें। पुलिस प्रशासन हर स्तर पर तत्पर और संवेदनशील होकर कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने माता-पिता से आग्रह किया कि बच्चों को पुलिस से डराने के बजाय उन्हें यह विश्वास दिलाएं कि पुलिस उनका मित्र है।

1000 से अधिक बच्चियों को बचाया गया

महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के उप सचिव विकास कुमार ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में सरकार और बाल कल्याण संघ के सहयोग से 1000 से अधिक बालिकाओं को दिल्ली जैसे महानगरों से बचाया गया है। मिशन वात्सल्य पोर्टल पर इन बच्चों की निगरानी की जा रही है और 1098 हेल्पलाइन नंबर के माध्यम से शीघ्र सहायता प्रदान की जा रही है।

बाल कल्याण संघ के संस्थापक संजय मिश्र ने बताया कि मानव तस्करी से पीड़ित बच्चों को कौशल आधारित प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वावलंबी बनाया जा रहा है। इस दिशा में 60 किशोरियों को हॉकी खेल के माध्यम से प्रशिक्षित कर आत्मनिर्भर बनाने की पहल शुरू की गई है।

मौके पर जिला शिक्षा पदाधिकारी ने आश्वस्त किया कि संकटग्रस्त बच्चों को आवासीय शिक्षा से लेकर पोषण, पोशाक तक सभी सुविधाएं मुफ्त दी जा रही हैं, विशेषकर छह से 14 वर्ष के बच्चों के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी मो अल्ताफ खान ने बताया कि बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए जिला प्रशासन पूरी तत्परता और संवेदनशीलता से कार्य कर रहा है। स्पॉन्सरशिप और आफ्टर केयर योजनाओं के माध्यम से जरूरतमंद बच्चों को निरंतर सहायता दी जा रही है। इस वर्ष अब तक कुल 224 बच्चों को स्पॉन्सरशिप योजना के अंतर्गत आर्थिक सहायता प्रदान की गई है, जिससे वे अपनी शिक्षा और आवश्यक जरूरतों को पूरा कर सकें।

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में किशोर-किशोरियां, पंचायत प्रतिनिधि, वीएलसीपीसी सदस्य, सामाजिक कार्यकर्ता और अभिभावक उपस्थित रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / अनिल मिश्रा