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बीकानेर, 31 जुलाई (हि.स.)। पं. बाबूलाल शास्त्री ज्योतिष बोध संस्थान के तत्वावधान में महादेव की प्रसन्नता, विश्व कल्याण की भावना से शिव पंचाक्षरी मंत्र के सवा करोड़ पाठ अनुष्ठान का आयोजन 30 अक्टूबर को होगा। ज्योतिषाचार्य पं. राजेन्द्र किराड़ू के सान्निध्य में यह पांच दिवसीय अनुष्ठान 30 अक्टूबर से 3 नवम्बर तक जारी रहेगा। उक्त आयोजन के बैनर का विमोचन पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व मंत्री डॉ. बीडी कल्ला, पूर्व मंत्री भंवर सिंह भाटी, नोखा विधायक सुशीला डूडी द्वारा किया गया। इस दौरान पं. नथमल पुरोहित एवं पं. जुगलकिशोर ओझा का सान्निध्य रहा। कार्यक्रम में रामकिशन आचार्य, राजेश चूरा, नवरत्न व्यास व पप्पू पुलिस की उपस्थिति रही।
आयोजन से जुड़े पं. मुरलीधर पुरोहित व पं. उमेश किराड़ू ने बताया कि सुबह 10 से सायं 6 बजे तक 151 साधकों (महिला-पुरुषों) द्वारा पंचाक्षरी मंत्र का जाप किया जाएगा। पांच दिनों में सवा करोड़ मंत्र का अनुष्ठान पूर्ण होगा। पं. मिलन पुरोहित व पं. हिमांशु किराड़ू ने बताया कि नित्य अक्षतार्चन, पुष्पार्चन, बिल्वार्चन, कमलार्चन, भस्मार्चन, मंत्र पुरश्रचरण, दीपदान व आरती के आयोजन होंगे। कार्यक्रम में अनेक संत महात्माओं का आगमन होगा। पं. देवकीनन्दन व्यास व पं. सुशील किराड़ू ने बताया कि इस वृहद आयोजन की तैयारियां शुरू हो गई है।
यज्ञाचार्य पं. राजेन्द्र किराड़ू बताते हैं कि शिव पुराण के अनुसार पंचाक्षरी मंत्र अनुष्ठान अद्भुत होता है, इसको करने से समस्त मनोरथ पूर्ण होते हैं। यह एक अत्यंत प्रभावशाली और पावन स्तुति है। इस स्तोत्र की रचना आदि शंकराचार्य ने की थी, जो स्वयं महान अद्वैत वेदांत के प्रवर्तक थे। यह स्तोत्र भगवान शिव के 'नम: शिवाय मंत्र के प्रत्येक अक्षर- 'न', 'म', 'शि', 'वा', 'य' को समर्पित है। इसलिए इसे पंचाक्षर स्तोत्र कहा जाता है। इस स्तोत्र में हर श्लोक पंचाक्षर मंत्र के एक-एक अक्षर से प्रारंभ होता है और उस अक्षर से भगवान शिव के गुणों की स्तुति की जाती है। यह स्तुति हमें शिव के विविध रूपों, उनके सौंदर्य, उनके करुणामय स्वरूप और उनके संहारक तथा कल्याणकारी स्वरूप का बोध कराती है। पंचाक्षर स्तोत्र का जाप करने से भक्त के जीवन में शांति, बल और आत्मिक जागृति आती है। इसे नित्य प्रात: या संध्या के समय, विशेषकर सोमवार, शिवरात्रि, प्रदोष व्रत के दिन पढऩा अत्यंत शुभ माना गया है। इस स्तोत्र का प्रतिदिन जाप करने से कठिनाइयाँ दूर होती हैं, मानसिक संतुलन बना रहता है, और घर-परिवार में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / राजीव