बारह टन फूलों से महका सांवलियाजी धाम, आकर्षक सजावट ने लुभाया
चित्तौड़गढ़ जिले के श्री सांवलियाजी मंदिर में शुक्रवार को फूलों से आकर्षक श्रृंगार किया।


चित्तौड़गढ़, 1 अगस्त (हि.स.)। जिले में स्थित वैश्विक आस्था के केंद्र श्री सांवलिया जी मंदिर में श्रद्धालुओं की आस्था लगातार बढ़ती जा रही है। सोशल मीडिया के जमाने में मंदिर के फोटो और वीडियो तेजी से वायरल हो रहे हैं और पसंद भी किए जा रहें हैं। वहीं श्रद्धालु भी अपने मन से श्रद्धा भाव प्रकट कर रहे हैं। वहीं एक श्रद्धालु की और से भगवान श्री सांवलियाजी मंदिर में फूलों से सजावट करवाई गई है। करीब 12 टन फूल अन्य राज्यों से मंगवाए गए हैं। मंदिर में की गई सजावट आकर्षक तो बन ही पड़ी है, खुशबू से भी मंदिर महक रहा है।

जानकारी में सामने आया कि श्रद्धालु की ओर से मन्दिर में फूलों की सजावट करवाई गई है। इसके लिए एक दिन पूर्व ही कार्य शुरू कर दिया गया था। शुक्रवार सुबह मंदिर में जल्दी सजावट को अंतिम रूप दिया गया। जब श्रद्धालुओं के लिए मंदिर दर्शन के लिए खुला तो अन्य दिनों के मुकाबले रौनक दिखाई दी। मंदिर के अंदर की और विभिन्न प्रकार के रंग बिरंगे फूलों से श्रृंगार क्या गया था, जो आकर्षक बंद पड़ा। साथ ही विभिन्न प्रकार के फूलों की खुशबू से मंदिर महक रहा था। यह सजावट एक भक्त की और से करवाई गई थी। मंदिर में बड़ा झूमर के अलावा भंडार से आगे भगवान के कक्ष के बाहर भी दीवारों पर विशेष ने भक्तों का मन मोह लिया। फूलों से बनाए मोर सहित अन्य पक्षी भी आकर्षित कर रहे थे।

फूलों के झूमर में लिखा सांवलिया सेठ

अमूमन कहीं पर भी कांच के झूमर देखने को मिलते हैं, लेकिन यहां मंदिर के अंदर चौक में विभिन्न प्रकार के फूलों से बना झूमर लगाया गया है। यह सभी को आकर्षित कर रहा है। इस झूमर की बनावट इस तरह की है कि इसमें सांवलिया सेठ लिखा हुआ स्पष्ट नजर आ रहा है।

अलग-अलग राज्यों से मंगवाए पुष्प

श्री सांवलियाजी मंदिर में सजावट को लेकर डेकोरेशन टीम एक दिन पहले ही आ गई थी। यहां मंदिर ने मोगरा, चमेली, मेरी गोल्ड, कनेर, ब्लू स्टार, रजनीगंधा, राइवल, एंथोरियम, रोज, करीनाशन आदि फ्लावर का उपयोग सजावट में किया गया है। यह सभी फूल हिमाचल, कोलकात्ता सहित दक्षिण के अन्य राज्यों से मंगवाए हैं।

श्रद्धालु ने गुप्त रखा अपना नाम

मंदिर प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार एक श्रद्धालु ने मंदिर प्रशासन से फूलों की सजावट के लिए आग्रह किया था। प्रशासन के निर्देश पर श्रद्धालु ने विशेष सजावट करवाई। यहां तक कि श्रद्धालु ने यह भी आग्रह किया कि श्रृंगार किसकी और से हो रहा है, इसकी जानकारी भी किसी को नहीं दी जाए।

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हिन्दुस्थान समाचार / अखिल