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रामगढ़, 30 जुलाई (हि.स.)। रामगढ़ जिले का चर्चित सलोनी खुदकुशी कांड में कई मोड़ आ चुके हैं। रामगढ़ पुलिस से लेकर सीआईडी तक इस मामले में जांच प्रक्रिया को आगे बढ़ा रही है। सलोनी के पिता विमल सिंह के जरिये दर्ज कराई गई प्राथमिकी में श्वेता सिंह और राहुल साहा उर्फ सोनू को आरोपित बनाया गया था। श्वेता सिंह ने रामगढ़ थाना कांड संख्या (162/ 25) में अग्रिम जमानत के लिए सीजेएम की अदालत में अर्जी लगाई थी। बुधवार को श्वेता सिंह के अधिवक्ता अभिषेक मिश्रा ने अग्रिम जमानत के लिए बहस की। सीजेएम ने अनुसंधानकर्ता की डायरी आने तक इस मामले को विचाराधीन रखा है। कोर्ट में छह अगस्त को इस मामले की दोबारा सुनवाई होगी। साथ ही पुलिस को छह अगस्त तक केस डायरी प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।
पुलिस पर मढ़ा गया प्रताड़ना का आरोप
अग्रिम जमानत के खिलाफ खड़े हुए विमल सिंह के अधिवक्ता नौशाद आलम ने इस मामले के तथ्य उजागर किए हैं। उन्होंने बताया कि श्वेता सिंह के अधिवक्ता ने उस पिटीशन को ही ग्राउंड बनाया है, जो सलोनी के लिए उन्होंने कांड संख्या (384/24) के तहत कोर्ट में दायर किए थे। उन पेटिशन के आधार पर ही श्वेता सिंह के अधिवक्ता ने सलोनी की मौत की वजह पुलिस की प्रताड़ना को करार दिया है। नौशाद आलम ने बताया कि श्वेता सिंह ने झूठी कहानी बताकर पुलिस को गुमराह किया और इस वजह से पुलिस लगातार सलोनी को थाने बुलाकर उसे प्रताड़ित करती रही।
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हिन्दुस्थान समाचार / अमितेश प्रकाश