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रांची, 31 जुलाई (हि.स.)। श्री राधा कृष्ण प्रणामी मंदिर पुंदाग परिसर में आयोजित पांच दिवसीय संगीतमय श्रीकृष्ण बीतक कथा का समापन गुरुवार को अत्यंत भक्ति भाव और आध्यात्मिक ऊर्जा के वातावरण में संपन्न हुआ। यह आयोजन संत शिरोमणि स्वामी सदानंदजी महाराज के सान्निध्य में श्रीकृष्ण प्रणामी सेवा धाम ट्रस्ट की ओर से संपन्न कराया गया।
कथा के अंतिम दिन सुप्रसिद्ध कथा वाचिका विदुषी साध्वी मीणा महाराज ने स्वामी महामती प्राणनाथजी और राजा छत्रसालजी के ऐतिहासिक और आध्यात्मिक मिलन का भावपूर्ण चित्रण प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि यह मिलन केवल दो महान आत्माओं का नहीं, बल्कि धर्म और शक्ति, भक्ति और कर्म का संगम था। साध्वीजी ने बताया कि स्वामी प्राणनाथजी ने छत्रसालजी को आत्मज्ञान की ओर अग्रसर कर धर्मयुद्ध के लिए प्रेरित किया, जो आज भी आत्म जागरण का प्रेरणास्रोत है।
कथा में साध्वी मीणा महाराज ने श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं से लेकर गीता के उपदेशों तक के प्रसंगों को मार्मिकता से प्रस्तुत किया। उनके शब्दों में श्रीकृष्ण की दिव्यता और करुणा का स्पष्ट अनुभव होता रहा, जिससे श्रोता जैसे भगवान श्रीकृष्ण के साक्षात दर्शन कर रहे थे।
भक्तिरस से सराबोर इस कथा में साध्वी पूर्णा महाराज के मधुर भजनों ने श्रद्धालुओं को भाव-विभोर कर दिया।
श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम” जैसे भजनों पर श्रोता झूम उठे। कथा का समापन सामूहिक आरती और प्रसाद वितरण के साथ हुआ, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। आरती के समय मंदिर परिसर दीपों की रोशनी और संकीर्तन से गुंजायमान हो उठा।
आयोजन में ट्रस्ट के अध्यक्ष डूंगरमल अग्रवाल, उपाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद अग्रवाल, सचिव मनोज चौधरी, सज्जन पाड़िया, संजय सर्राफ, मधु जाजोदिया, पूरणमल सर्राफ, श्री माहेश्वरी सभा, अग्रवाल सभा, मारवाड़ी सम्मेलन एवं जन्मोत्सव समिति से जुड़े कई श्रद्धालु मौजूद थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / Manoj Kumar