Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
बिलासपुर, 25 जुलाई (हि.स.)। छत्तीसगढ़ व्यापम परीक्षा के माध्यम से फार्मासिस्ट (ग्रेड-2) पदों पर भर्ती अहर्ता में डिग्रीधारी अभ्यर्थियों को शामिल नहीं किए जाने को लेकर लगाई याचिका की शुक्रवार को सुनवाई हुई। उच्च न्यायालय की युगलपीठ ने याचिकाकर्ताओं को अंतरिम राहत दी है। दरअसल 30 जून 2025 को संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएँ, छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा जारी विज्ञापन के अंतर्गत फार्मासिस्ट (ग्रेड-2) पद हेतु जारी की गई भर्ती प्रक्रिया के संबंध में, उच्च न्यायालय ने रिट याचिका (सेवा) क्रमांक 8548/2025, राहुल वर्मा एवं अन्य बनाम छत्तीसगढ़ शासन और अन्य में याचिकाकर्ताओं को अंतरिम राहत प्रदान की है। इस मामले में याचिकाकर्ताओं की मुख्य आपत्ति इस बात को लेकर थी कि उक्त विज्ञापन में केवल डिप्लोमा इन फार्मेसी धारकों को ही पात्र माना गया था और बैचलर ऑफ फार्मेसी (बी. फार्मा) अथवा उससे उच्च डिग्री धारकों को, जो फार्मेसी काउंसिल में विधिवत पंजीकृत हैं, आवेदन करने से वंचित कर दिया गया था।
इस तथ्य को ध्यान रखते हुए कि ऑनलाइन आवेदन करने की अंतिम तिथि 25 जुलाई 2025 को शाम 5 बजे तक थी, उच्च न्यायालय ने राज्य शासन को निर्देशित किया है कि वह छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल (सीजी व्यापम) को तत्काल आवश्यक निर्देश जारी करे, जिससे बी. फार्मा डिग्रीधारी इच्छुक अभ्यर्थी भी पोर्टल पर आवेदन प्रस्तुत कर सकें। न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह आदेश व्यक्तिगत न होकर सार्वत्रिक रूप से लागू होगा और ऐसे सभी अभ्यर्थियों पर समान रूप से लागू होगा, जिनके पास फार्मेसी में डिग्री है और जो विज्ञापन में वर्णित अन्य आवश्यक योग्यताएं पूर्ण करते हैं।
साथ ही, न्यायालय ने राज्य शासन को निर्देश दिया है कि वह इस आदेश की जानकारी सीजी व्यापम सहित सभी संबंधित अधिकारियों तक पहुंचाए। वहीं बी. फार्मा डिग्रीधारी अभ्यर्थियों के लिए आवेदन पोर्टल में परिवर्तन को प्रसारित करें। इस मामले में याचिकाकर्ताओं का पक्ष अधिवक्ता हर्षवर्धन परगनिहा ने प्रस्तुत किया गया, वहीं राज्य की ओर से महाधिवक्ता प्रफुल्ल एन. भारत ने पक्ष रखा।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / Upendra Tripathi