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पूर्वी सिंहभूम, 25 जुलाई (हि.स.)।
ओक्युपेशनल सेफ्टी एंड हेल्थ एसोसिएशन ऑफ झारखंड (ओशाज इंडिया) ने पूर्वी सिंहभूम जिले में सिलिकोसिस पीड़ित श्रमिकों और मृतकों के आश्रितों को मुआवजा दिलाने की मांग को लेकर शुक्रवार को उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा।
महासचिव समीत कुमार कार के नेतृत्व में पहुंचे प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि जिले के रैमिंग मास उद्योगों में कार्यरत एक हजार से अधिक श्रमिकों की मौत सिलिकोसिस जैसी घातक बीमारी से हो चुकी है, लेकिन अधिकतर मामलों में अब तक मुआवजा नहीं दिया गया है।
ज्ञापन में बताया गया कि मुसाबनी, डुमरिया, धालभूमगढ़ और गुड़ाबांदा ब्लॉक के सिलिकोसिस पीड़ित श्रमिकों की पहचान प्रक्रिया में तेजी लाई जाए। संस्था के अनुसार ओशाज इंडिया के पास सभी पीड़ितों के एक्स-रे प्लेट्स का डिजिटल आर्काइव और उनके पेशागत इतिहास का पूरा रिकॉर्ड उपलब्ध है।
प्रशासन के आदेश पर ये सभी रिकॉर्ड एमजीएम अस्पताल के अधीक्षक को ईमेल के माध्यम से भेजे जा सकते हैं, जिससे जांच प्रक्रिया सरल और तेज होगी।
महासचिव समीत कुमार कार ने कहा कि ओशाज इंडिया द्वारा चिन्हित 176 मृत श्रमिकों में से केवल 37 के आश्रितों को ही मुआवजा मिला है जबकि 721 जीवित रोगियों के परिवार अब भी मुआवजे के लिए भटक रहे हैं। वर्ष 2014 में मुसाबनी ब्लॉक के 27 श्रमिकों में सिलिकोसिस की पुष्टि सरकारी डॉक्टरों ने की थी, जिनमें से सिर्फ 5 मृतकों के आश्रितों को मुआवजा दिया गया, जबकि शेष 22 के परिवारों को अब तक कुछ नहीं मिला। इसी तरह डुमरिया और धालभूमगढ़ ब्लॉक के 8-8 श्रमिकों को 2019 में सिलिकोसिस पीड़ित पाया गया, लेकिन उन्हें भी मुआवजा नहीं दिया गया।
ज्ञापन सौंपने पहुंचे प्रतिनिधिमंडल में महासचिव समीत कुमार कार के अलावा रोशनी हेंब्रम, सरस्वती मुर्मू, राजश्री पांडेय, सुरेश राजवार सहित अन्य शामिल थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद पाठक