Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
गाजियाबाद, 25 जुलाई (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में शुक्रवार को एनसीआरटीसी ने भारतीय सशस्त्र बलों के कारगिल वीरों को सम्मानित किया और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में, एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक शलभ गोयल ने न्यू अशोक नगर नमो भारत स्टेशन पर एक कारगिल विजय दिवस स्मारक ज़ोन का उद्घाटन किया। इस ज़ोन में विषम तापमान और दुर्गम पहाड़ियों के बीच भारत की सबसे चुनौतीपूर्ण सैन्य अभियानों में से एक, कारगिल में लड़ने वाले वीरों और उनके शौर्य और पराक्रम को दर्शाया गया है।
इस कार्यक्रम में कारगिल के शहीद कैप्टन विजयंत थापर की माता तृप्ता थापर और पिता कर्नल वी.एन. थापर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। उन्होंने अपने बेटे के जीवन और सेना में उनके कार्यकाल से जुड़े कुछ किस्से सुनाए और उनके साहस और बलिदान के बारे में व्यक्तिगत अनुभव साझा किए। कैप्टन विजयंत थापर ने कारगिल युद्ध में असाधारण शौर्य और साहस का परिचय दिया और देश के लिए अपने प्राणों की कुर्बानी दे दी। उनकी विरासत आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी। डिजिटल मीडिया पर उपलब्ध, अपने माता-पिता को लिखा उनका अंतिम पत्र भी देश के प्रति उनके अटूट प्रेम और समर्पण को उजागर करता है।
इस अवसर पर एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक शलभ गोयल ने कहा, _पूरे एनसीआरटीसी परिवार की ओर से, मैं भारतीय सशस्त्र बलों के वीर जवानों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूँ। एनसीआरटीसी का प्रयास है कि नमो भारत के प्रत्येक यात्री को इस दिन के विषय में पता चले। वे इन वीरों के जीवन से प्रेरणा लें और उनमें देशभक्ति की भावना जागृत हो ।_
युवाओं को कारगिल विजय दिवस के महत्व से अवगत कराने के लिए, छात्रों के बीच एक चित्रकला कार्यक्रम भी आयोजिन किया गया। इस कार्यक्रम में विभिन्न स्कूलों के छात्रों ने भाग लिया और चित्रों के माध्यम से देश के वीरों के प्रति अपनी श्रद्धांजलि व्यक्त की। बच्चों द्वारा बनाई गई ये चित्रकलाएँ, कारगिल विजय दिवस ज़ोन के साथ, अगले कुछ दिनों के लिए स्टेशन पर जनता के लिए निःशुल्क प्रदर्शित रहेंगी। इसके अलावा, इस आयोजन के दौरान, प्रसिद्ध लेखक ऋषि राज ने एक कथा सत्र में कारगिल युद्ध में सैनिकों के अदम्य साहस और बलिदान की कहानी सुनाई, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध और प्रेरित किया।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / फरमान अली