बाहर की दवा लिखने वाले डाॅक्टर पर हाेगी कार्रवाई : जिलाधिकारी
निरीक्षण करते जिलाधिकारी


जालौन, 25 जुलाई (हि.स.)। चिकित्सा सुविधा की जमीनी हकीकत जानने के लिए गुरुवार देर रात को जिलाधिकारी ने जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज ​का निरीक्षण किया। इस दौरान मरीजों ने अस्पतालों में बाहर से लिखी जा रही दवाएं, वार्ड, बाथरूम में फैली गंदगी के बारे में बताया। इस पर जिलाधिकारी ने अस्पताल प्रबंधन से नाराजगी जताते हुए इन समस्याओं को शीघ्र निस्तारण के निर्देश दिए हैं।

जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय ने बीती रात राजकीय मेडिकल कॉलेज उरई, जिला अस्पताल पुरुष एवं महिला का तीन घंटे से अधिक समय तक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने विभिन्न वार्डों की व्यवस्थाओं का गहन निरीक्षण कर मरीजों और तीमारदारों से सीधी बातचीत करते हुए जमीनी हालात का आकलन किया। निरीक्षण की शुरुआत इमरजेंसी कक्ष से हुई, जहां भर्ती मरीजों के तत्काल उपचार सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए और चिकित्सकों को ड्यूटी के दौरान यूनिफॉर्म में रहने, नेम प्लेट लगाने व मरीजों के साथ संवादशील बने रहने को कहा।

ऑर्थो वार्ड में मरीजों से संवाद में जिलाधिकारी ने पाया कि ऑपरेशन के लिए उन्हें महंगी दवाएं बाहर से खरीदनी पड़ रही हैं। इस पर उन्होंने कहा कि डॉक्टर बाहर की दवाएं न लिखें। शौचालयों की हालत भी खराब है। जल आपूर्ति बाधित होने के कारण कई टॉयलेट बंद थे। इस पर डीएम ने सीएमएस और संबंधित उत्तरदायी वार्ड इंचार्ज और सफाई सुपरवाइजर पर सख़्त कार्रवाई के निर्देश दिए। बाल रोग वार्ड में निरीक्षण के दौरान पाया गया कि ड्यूटी पर तैनात पैरा मेडिकल स्टाफ द्वारा मरीजों की समरी, डायग्नोसिस व फाइल रिकॉर्ड संधारित नहीं किए जा रहे थे। जिलाधिकारी ने डेट-वाइज मरीज समरी और निदान विवरण नियमित बनाए रखने के निर्देश दिए।

जिलाधिकारी ने कहा कि जनसामान्य एवं मरीजों को बेहतर इलाज, स्वच्छ वातावरण और नि:शुल्क दवाएं मिलना शासन और जिला प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। लापरवाही बरतने वाले किसी भी कार्मिक को बख्शा नहीं जाएगा, मरीजों की सेवा सर्वोपरि है।

हिन्दुस्थान समाचार / विशाल कुमार वर्मा