अटल क्लिनिक का नाम बदलना आदिवासी अस्मिता का अपमान : हांसदा
रमेश हांसदा फाइल फोटो


पूर्वी सिंहभूम, 25 जुलाई (हि.स.)। राज्‍य सरकार की ओर से अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर संचालित अटल मोहल्ला क्लिनिक का नाम बदलने के निर्णय की भाजपा ने कड़ी आलोचना की है। शुक्रवार को भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य रमेश हांसदा ने इसे झारखंड की आत्मा और आदिवासी अस्मिता पर सीधा प्रहार बताया है।

रमेश हांसदा ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी केवल एक राजनेता नहीं, बल्कि झारखंड राज्य के निर्माता, आदिवासी समाज के सच्चे हितैषी और भारतीय आत्मा के प्रतीक थे। उन्होंने ही झारखंड को अलग राज्य का दर्जा दिलाया, संताली भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कर भाषाई गरिमा प्रदान की और आदिवासी कल्याण मंत्रालय की स्थापना कर आदिवासी समाज को मजबूत दिशा दी।

उन्होंने कहा कि ऐसे राष्ट्रनायक के नाम को हटाना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण, निंदनीय और राजनीतिक तुष्टिकरण का परिचायक है। यह निर्णय झारखंड की आत्मा, उसकी सांस्कृतिक विरासत, भाषा और बलिदान की भी अवमानना है।

उन्होंने सरकार से तीन प्रमुख मांगें रखीं जिसमें अटल बिहारी के नाम से संचालित क्लिनिक का नाम पुनः बहाल करने, आदिवासी समाज की सांस्कृतिक, भाषाई और ऐतिहासिक अस्मिता का सम्मान सुनिश्चित करने और राजनीतिक स्वार्थ के लिए आदिवासी प्रतीकों और महापुरुषों का अपमान बंद करना शामिल है। उन्‍होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने इस गंभीर भूल को शीघ्र नहीं सुधारती है, तो झारखंड का आदिवासी समाज लोकतांत्रिक तरीके से इसका करारा जवाब देगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद पाठक