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— लैप्रोस्कोपी तकनीक को बताया सुरक्षित और लाभकारी विकल्प
वाराणसी, 13 जुलाई (हि.स.)। पांडेयपुर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय के चिकित्सकों की एक बड़ी उपलब्धि सामने आई है। चिकित्सालय के चार डॉक्टरों—डॉ. प्रेम प्रकाश, डॉ. शिवेश जायसवाल, डॉ. संदीप चौधरी और डॉ. बृजेश कुमार—द्वारा संयुक्त रूप से किए गए शोध को इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एकेडमिक मेडिसिन एंड फार्मेसी (जेएएमपी) में प्रकाशित किया गया है। इस प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय पत्रिका में शोध का स्थान मिलना चिकित्सालय के लिए एक गौरवपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है।
—लैप्रोस्कोपी को बताया बेहतर विकल्प
इस शोध में गॉलब्लैडर की पथरी के ऑपरेशन के लिए पारंपरिक ‘ओपन सर्जरी’ की तुलना में लैप्रोस्कोपी को ज्यादा सुरक्षित और लाभकारी पाया गया है। अध्ययन में यह स्पष्ट किया गया कि लैप्रोस्कोपी तकनीक से ऑपरेशन करने पर रक्त हानि कम होती है। दर्द का स्तर अपेक्षाकृत कम होता है। अस्पताल में भर्ती रहने की अवधि घटती है। इंफेक्शन और अन्य जटिलताओं की संभावना कम रहती है।
—260 मरीजों पर हुआ अध्ययन
इस अध्ययन में कुल 260 मरीजों को शामिल किया गया, जिनमें से 160 मरीजों का ऑपरेशन लैप्रोस्कोपी विधि से और 100 का ओपन कोलेसिस्टेक्टॉमी से किया गया। शोध के निष्कर्षों को स्टूडेंट्स-टी टेस्ट और ची-स्क्वायर टेस्ट जैसे सांख्यिकीय औजारों के माध्यम से परखा गया, जिससे परिणामों की प्रामाणिकता को सुनिश्चित किया गया। शोध में यह भी सुझाव दिया गया है कि शल्य चिकित्सकों को लैप्रोस्कोपी तकनीक की विशेष ट्रेनिंग दी जानी चाहिए, ताकि इस विधि को अधिक व्यापक रूप से अपनाया जा सके। इससे आमजन को बेहतर उपचार मिलने के साथ ही स्वास्थ्य संबंधी जोखिम भी कम होंगे।
—चिकित्सा जगत में खुशी की लहर
इस शोध पत्र के अंतरराष्ट्रीय जर्नल में प्रकाशन से स्थानीय चिकित्सा समुदाय में उत्साह की लहर है। चिकित्सकों की इस उपलब्धि को पंडित दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल के गौरवशाली इतिहास में एक नए मील के पत्थर के रूप में देखा जा रहा है। गौरतलब है कि इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एकेडमिक मेडिसिन एंड फार्मेसी एक ओपन-एक्सेस और सहकर्मी-समीक्षित पत्रिका है, जो वर्ष में दो बार—जून और दिसंबर में—प्रकाशित होती है। यह चिकित्सा एवं फार्मेसी के क्षेत्र में मूल शोध, समीक्षात्मक लेख, केस स्टडी और संपादकीय लेखों को शामिल करती है।
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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी