शारदा का बढ़ते जलस्तर से बढ़ा बाढ़ का खतरा
अतरिया ट्रैक पर रिसाव से खुली 22.23 करोड़ की योजना की पोल
बाढ़ टीचर पेट में आया अतरिया रेलवे ट्रैक


लखीमपुर खीरी, 11 जुलाई (हि.स.)। शारदा नदी का लगातार बढ़ता जलस्तर अब पलिया विधानसभा के अतरिया रेलवे ट्रैक तक पहुंच चुका है। पूरे क्षेत्र में बाढ़ का गंभीर खतरा मंडराने लगा है। स्थिति इतनी चिंताजनक है कि अतरिया रेलवे ट्रैक के नीचे से लगातार पानी का रिसाव हो रहा है। इससे न केवल रेलवे की संरचना पर खतरा मंडरा रहा है, बल्कि पूरे पलिया नगर और आसपास के गांवों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं।

उल्लेखनीय कि इलाके को बाढ़ से बचाने के लिए सरकार ने 22 करोड़ 23 लाख रुपये की लागत से ड्रेजिंग और चैनलाइजेशन परियोजना की शुरुआत की थी, जो अब पूरी तरह विफल होती दिख रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस परियोजना का कोई स्थायी लाभ नहीं दिखाई दे रहा है। ग्रामीणों और किसानों ने बाढ़ खंड और रेलवे विभाग की कार्यशैली पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि समय रहते कोई कारगर कदम नहीं उठाया गया।

अपनी जान-माल की सुरक्षा के लिए खुद ही मैदान में उतरे ग्रामीण

बाढ़ से बचाव को गुरुद्वारा श्री नानक प्याऊ महंगापुर के मुख्य सेवादार संत बाबा गुरुनाम सिंह जी के आह्वान पर सैकड़ों कारसेवक राहत कार्यों में जुट गए हैं। ये कारसेवक बिना किसी सरकारी मदद के ट्रैक्टर-ट्रॉलियों से मिट्टी और बालू भरकर अतरिया रेलवे ट्रैक के पास रिसाव रोकने का प्रयास कर रहे हैं। इन कारसेवकों में जीत सिंह, रेशम सिंह, तरसेम सिंह, तेजेंद्र सिंह और मोहम्मद फिरोज खान जैसे समाजसेवी शामिल हैं। दिन-रात बगैर किसी स्वार्थ के क्षेत्र को आपदा से बचाने में लगे हैं।

बाढ़ खंड विभाग का दावा है कि शारदा नदी की धारा फिलहाल नियंत्रण में है और रिसाव पर नजर रखी जा रही है। रेलवे विभाग ने भी एहतियातन ट्रेनों की आवाजाही रोक दी है और मरम्मत कार्य शुरू किया है।

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हिन्दुस्थान समाचार / देवनन्दन श्रीवास्तव