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पश्चिम सिंहभूम, 11 जुलाई (हि.स.)। पश्चिमी सिंहभूम जिला के उपायुक्त-सह-जिला दण्डाधिकारी चंदन कुमार की अध्यक्षता में शुक्रवार को आयोजित न्यायिक कार्य दिवस के दौरान ग्राम चिरूबेड़ा (टोला- लुपुंगबेड़ा, पंचायत- गुलकेड़ा, चक्रधरपुर) के लगभग 40 ग्रामीणों ने स्थानीय मुंडा बागुन जामुदा के खिलाफ गंभीर शिकायतें दर्ज कराई। ग्रामीणों का आरोप है कि मुंडा बागुन जामुदा गांव में तानाशाही और असंवैधानिक रवैया अपना रहे हैं, जिससे उनके मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है।
शिकायतकर्ताओं में रवि गोप, मिथुन गोप, गंगाराम गोप, जितेन गोप, शुरु गोप, सरिता गोप, चंपा गोप समेत कई लोग शामिल थे। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि मुंडा ने गांव में बातचीत और लेन-देन पर रोक लगा दी है। गांव की दुकानों से खरीदारी, विद्यालय में खाना बनाने, पूजा-पाठ करने, आवश्यक दस्तावेजों में हस्ताक्षर करने, रैयती जमीन पर आवाजाही, शौच और पशु चराने, जंगल से लकड़ी लाने, निजी व्यवसाय करने तथा कब्रिस्तान और नदी के उपयोग पर भी पाबंदी लगा दी गई है।
ग्रामीणों के अनुसार ये तमाम गतिविधियां संविधान के अनुच्छेद में निहित उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। उपायुक्त चंदन कुमार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए हुकूकनामा की शर्तें 22 से 29 के उल्लंघन को दृष्टिगत रखते हुए मुंडा बागुन जामुदा को उनके पद से बर्खास्त करने के लिए न्यायिक कार्यवाही प्रारंभ करने का आदेश दिया है। प्रशासन के इस निर्णय को ग्रामीणों के अधिकारों की सुरक्षा की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है, इससे यह संदेश भी गया कि संविधान प्रदत्त अधिकारों का हनन किसी भी कीमत पर स्वीकार्य नहीं होगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद पाठक