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डोडा, 11 जुलाई (हि.स.)। स्थानीय आबादी की सहायता के लिए अपने निरंतर प्रयासों के तहत भारतीय सेना ने भद्रवाह स्थित पादरी सरेखी में एक चिकित्सा एवं पशु चिकित्सा शिविर का आयोजन किया।
यह पहल विशेष रूप से स्थानीय आबादी की स्वास्थ्य देखभाल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डिज़ाइन की गई थी जिसमें गुज्जर और बक्करवाल समुदायों और उनके पशुओं पर विशेष ध्यान दिया गया। शिविर का उद्घाटन कंपनी कमांडर ने किया जिन्होंने स्थानीय लोगों को सेना के बिना शर्त और निरंतर समर्थन का आश्वासन दिया। शिविर के लिए एक समर्पित चिकित्सा दल तैनात किया गया था जिसमें सेना के एक चिकित्सा अधिकारी, दो नर्सिंग सहायक और दो युद्धक्षेत्र नर्सिंग सहायक, साथ ही उप-जिला अस्पताल दांडी से एक महिला चिकित्सा अधिकारी और एक फार्मासिस्ट और सरकारी अस्पताल से एक पशु चिकित्सक शामिल थे।
इन सभी ने मिलकर पुरुषों, महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों और पशुओं को आवश्यक चिकित्सा देखभाल प्रदान की। प्रोजेक्ट सद्भावना के चिकित्सा एवं पशु चिकित्सा शिविर ने करुणा और सामुदायिक सेवा की भावना का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए असंख्य चेहरों पर मुस्कान ला दी। इस पहल ने न केवल लोगों और उनके पशुओं के स्वास्थ्य और कल्याण में सुधार किया बल्कि स्थानीय समुदायों और भारतीय सेना के बीच के बंधन को भी मज़बूत किया। आस-पास के गाँवों से बड़ी संख्या में मरीज़ चिकित्सा जाँच के लिए शिविर में आए।
शिविर का आयोजन सभी आवश्यक व्यवस्थाओं के साथ किया गया था जिसमें विभिन्न प्रकार की दवाइयाँ, चिकित्सा उपकरण और जाँच सुविधाएँ शामिल थीं। स्थानीय लोगों की अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया गया। शिविर के दौरान कुल 267 मरीज़ों का उपचार किया गया जिनमें 133 महिलाएँ, 78 पुरुष, 56 बच्चे और 136 पशुधन शामिल थे। स्थानीय लोगों ने भारतीय सेना के समर्पित प्रयासों और सुदूर क्षेत्र में उनके घर तक आवश्यक चिकित्सा सहायता पहुँचाने के लिए उनका हार्दिक आभार व्यक्त किया। इसके अतिरिक्त सेना ने गुज्जर और बक्करवाल समुदायों में चिकित्सा जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से माता-पिता को स्वास्थ्य, पोषण और शिशु देखभाल के बारे में बहुमूल्य जानकारी भी प्रदान की।
हिन्दुस्थान समाचार / अमरीक सिंह