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हरिद्वार, 10 जुलाई (हि.स.)। श्रावण मास का कांवड़ मेला का शुक्रवार से विधिवत प्रारंभ हो जाएगा, जिसके चलते कांवड़ियाें के भीड़ बढ़नी शुरू हो गई है। इसके साथ ही आज गुरु पूर्णिमा का पावन स्नान पर्व है। जिस कारण लाखों श्रद्धालु पवित्र गंगा में स्नान करने के लिए पहुंचे। हर की पौड़ी स्थित ब्रह्मकुंड सहित नगर के सभी प्रमुख घाटों पर लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान कर पुण्य लाभ अर्जित किया तथा अपने गुरुओं को नमन कर उनका आशीर्वाद लिया।
गुरु पूर्णिमा का दिन सनातन धर्म में विशिष्ट स्थान रखता है। गुरु पूर्णिमा पर्व अपने गुरुओं, मार्गदर्शकों और शिक्षकों के सम्मान के लिए समर्पित है। भारतीय संस्कृति में गुरु को भगवान से भी बढ़कर माना गया है।
पौराणिक गाथाओं के अनुसार, गुरु पूर्णिमा के दिन महर्षि वेदव्यास जी का जन्म हुआ था, जिन्होंने पुराणों की रचना की थी। बौद्ध इसे बुद्ध पूर्णिमा के रूप में मनाते हैं। आज के ही दिन भगवान बुद्ध ने सारनाथ में पहला उपदेश दिया था। यह पर्व नेपाल में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है, जबकि भूटान व अन्य देश में भी इसे एक पवित्र पर्व के रूप में मनाया जाता है।
आज तीर्थनगरी के सभी आश्रमों, अखाड़ों में गुरु पूजा के लिए श्रद्धालुओं की भार भीड़ उमड़ी। अपने गुरुओं और शिक्षकों की पूजा अर्चना कर उनका आशीर्वाद लिया। तीर्थनगरी के सभी आश्रम-अखाड़ों में दूर दराज से आए श्रद्धालुओं ने गुरु पर्व मनाया। सभी ने अपने गुरुजनों का आशीर्वाद लेकर उनकी पूजा-अर्चना की तथा नैवेद्य आदि अर्पण किए।
गुरु पूर्णिमा पर्व पर गंगा स्नान के लिए भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। लोगों ने गंगा स्नान कर देव दर्शन किए तथा दान-पुण्य आदि कर्म किए।
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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला