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पूर्वी सिंहभूम, 8 जून (हि.स.)। शहर में ट्रैफिक पुलिस की कार्यशैली इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है। नियमों को ताक पर रखकर वाहन चालकों से जबरन वसूली और बदसलूकी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। ताजा मामला सिदगोड़ा 28 नंबर रोड का है, जहां रविवार सुबह टाटा स्टील के कर्मचारी प्रदीप तियू अपनी पत्नी को डॉक्टर के पास छोड़कर लौट रहे थे।
इसी दौरान पेड़ के पीछे छिपकर बैठे ट्रैफिक पुलिस के जवान ने उन्हें रोक लिया। प्रदीप ने बताया कि पुलिसकर्मी ने पहले बाइक की चाभी छीनने की कोशिश की, जब वह असफल रहा तो उनके सिर से हेलमेट उतार लिया और बाइक को जबरदस्ती ले जाने की कोशिश करने लगा। इस दौरान उसका साथी वीडियो भी बना रहा, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। लोग ट्रैफिक पुलिस के इस कारनामे पर तरह-तरह के कमेंट कर रहे हैं।
यह कोई पहला मामला नहीं है। आए दिन पुलिसकर्मी वाहन जांच के नाम पर पेड़, गुमटियों और खंभों के पीछे छिपकर लोगों को पकड़ने और डराने-धमकाने का काम करते हैं। प्रदीप तियू ने बताया कि एसएसपी और डीसी कई बार कह चुके हैं कि वाहन जांच के दौरान बाइक की चाभी जबरन छीनने का कोई नियम नहीं है। इसके बावजूद पुलिसकर्मी बेलगाम होकर ऐसी हरकतें कर रहे हैं। इस घटना के खिलाफ आजसू, भाजपा और महिला संगठनों ने पुलिस की कार्यशैली पर नाराजगी जताते हुए कार्रवाई की मांग की है। सवाल यह उठता है कि जब शिकायतें बार-बार पुलिस अधिकारियों तक पहुंच रही हैं तो कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है? क्या पुलिस प्रशासन की जवाबदेही खत्म हो गई है?
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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद पाठक